उज्जैन। सितंबर में हुई बारिश ने प्रदेश को सूखे के मुहाने से बाहर निकाल दिया है। उज्जैन में चारों ओर बारिश का पानी भरा हुआ दिखाई दे रहा है। 18 सितंबर को बारिश का एक सिस्टम खत्म हो रहा है, लेकिन 20 सितंबर से फिर दूसरा सिस्टम सक्रिय हो रहा है जिसके चलते 25 सितंबर तक बारिश होने की संभावना मौसम वैज्ञानिकों ने जताई है।
जुलाई और अगस्त माह एक तरह से सूखा निकला है। जिसके चलते पूर्वी सहित पश्चिम मध्यप्रदेश के कई जिलों में सूखा पड़ने की संभावना बन गई थी। सोयाबीन की कम दिनों की फसल पीली पड़ने लगी थी। लेकिन बंगाल की खाड़ी से उठे साइकोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से 15 सितंबर की शाम से भारी बारिश का जो दौर शुरू हुआ तो उसने जिले में भारी तबाही का मंजर पैदा कर दिया। जिले सहित शहर में चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
यहां तक की कई कॉलोनी में इतना पानी भर आया कि वहां नाव की सहायता से लोगों को रेस्क्यू किया गया। शिप्रा नदी मैं भी पानी अपने खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। यहां के छोटे मंदिर पानी में डूब चुके हैं। अंगारेश्वर मंदिर की छत तक पानी का बहाव चल रहा है। बड़े पुल के नीचे पानी बह रहा है। चारों ओर जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई है। जीवाजीराव वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि आगामी 20 सितंबर से एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसके चलते बारिश का दौरा 25 सितंबर तक चलने की संभावना है।
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