नई दिल्ली (New Delhi) । मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) ने भारत (India) में अपने मीडिया ऑपरेशंस के विलय के लिए वॉल्ट डिजनी के साथ बाध्यकारी समझौता किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्टॉक एक्सचेंज को इस विलय को लेकर आधिकारिक जानकारी दी है। बता दें कि इस विलय प्रक्रिया में मेजर स्टेकहोल्डर रिलायंस इंडस्ट्रीज है, वहीं डिजनी की हिस्सेदारी 40 फीसदी से भी कम है। वहीं, यह डील 70 हजार करोड़ रुपये की है।
किसकी कितनी हिस्सेदारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज, Viacom18 और डिजनी इस नई इकाई में क्रमशः 16.34%, 46.82% और 36.84% का स्वामित्व और नियंत्रण रखेंगे। चूंकि Viacom18 रिलायंस की ही सब्सिडयरी है। ऐसे में रिलायंस के पास मर्ज की गई नई इकाई में कुल 63.16 फीसदी हिस्सेदारी होगी। रिलायंस-डिजनी विलय के बाद बनने वाली इकाई की चेयरपर्सन उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी बनेंगी। वहीं, नई इकाई के वाइस चेयरपर्सन उदय शंकर होंगे। अब अलग-अलग नियामक से मंजूरी के बाद मर्जर प्रभावी होगा।
ओटीटी पर फोकस
रिलायंस ने ओटीटी कारोबार को बढ़ाने के लिए ज्वाइंट वेंचर में लगभग 11,500 करोड़ रुपये निवेश करने पर भी सहमति जताई है। रिलायंस ने कहा- हम भारत में मीडिया और मनोरंजन उद्योग के डिजिटल बदलाव का नेतृत्व करेंगे और कंज्यूमर को कभी भी और कहीं भी हाई क्वालिटी और ज्यादा से ज्यादा कंटेंट की पेशकश करेंगे। विलय की गई इकाई को 30,000 से अधिक डिजनी कंटेंट एसेट के लाइसेंस के साथ भारत में डिजनी फिल्मों के डिस्ट्रिब्यूशन का अधिकार भी मिलेगा।
मर्जर पर क्या बोले मुकेश अंबानी
विलय के बारे में बोलते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा-यह एक ऐतिहासिक समझौता है। यह समझौता भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक नए युग की शुरुआत करता है। हमने हमेशा डिजनी को विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया समूह के रूप में सम्मान दिया है और इस ज्वाइंट वेंचर को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस मर्जर के जरिए हमें देश भर के दर्शकों के लिए किफायती कीमतों पर ज्यादा से ज्यादा वर्सेटाइल कंटेंट मुहैया कराने में मदद मिलेगी। हम रिलायंस समूह के प्रमुख पार्टनर के रूप में डिजनी का स्वागत करते हैं।
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