नई दिल्ली (New Dehli)। कतर में जासूसी (espionage in qatar)के आरोप में मौत की सजा(Death Penalty) पाए भारतीय नौसेना (Indian Navy)के पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs)की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि नौसेना के सात पूर्व कर्मी कतर से भारत लौट आए हैं। बीते साल दिसंबर में कतर की कोर्ट ने अल दाहरा ग्लोबल केस में 8 को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन इसे घटाकर बाद में जेल की सजा कर दिया गया था।
विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया, ‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दाहरा ग्लोबल कंपनी में काम करने वाले 8 भारतीय नागरिकों को रिहा करने का स्वागत करती है। 8 में से 7 भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और वतन वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले के सराहना करते हैं।’
कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश का नाम शामिल है। इससे पहले भारत सरकार की तरफ से मौत की सजा के खिलाफ दाखिल की गई अपील को कतर की कोर्ट ने माना था।
क्या था मामला
अल दाहरा करने वाले भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। ये कार्रवाई जासूसी के आरोप में की गई थी। नौसेना के इन पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुना दी थी। उस समय भारत ने इसे बेहद हैरान करने वाला फैसला करार दिया था और साथ ही मामले में सभी कानूनी पक्ष तलाशने का वादा भी किया था।
पीएम मोदी ने भी की थी मुलाकात
दुबई में आयोजित हुए COP28 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी से मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय की बेहतरी पर भी चर्चा की थी।
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