राजौरी: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना पर हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुंछ में सेना पर आतंकी हमले को लेकर जांच एजेंसी को जानकारी मिली है कि पुंछ आतंकी हमले में 3 से 4 आतंकी शामिल थे. जांच एजेंसी की मानें तो चारों आतंकवादी विदेशी थे यानी सबके पाकिस्तान कनेक्शन सामने आए हैं और हमला डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर किया गया था. इसमें सबसे अहम जानकारी यह सामने आई है कि इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने 2 माह पहले रेकी की थी. हमला करने के लिए ये आतंकवादी पहाड़ी के ऊपर घात लगाकर बैठे थे.
जांच एजेंसी के मुताबिक, आतंकवादियों ने खुद को पहाड़ी के ऊपर तैनात किया था, जहां से उन्होंने सेना के वाहनों के मूवमेंट पर नजर रखी और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. धत्यार मोड़ जगह को आतंकवादियों ने हमले के लिए इसलिए चुना था, क्योंकि डेड एंड और ऊबड़-खाबड़ सड़क के कारण इस स्थान पर वाहनों की गति धीमी हो जाती है. पहले भी इसी जगह पर जब सेना की गाड़ियां धीमी हुई थीं तो आतंकियों ने हमले की कोशिश की थी, लेकिन सेना ने उसे नाकाम कर दिया था. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने भी आतंकियों की मदद की है. बहरहाल, शहीद सेना के जवानों के हथियार गायब हैं, जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आतंकियों ने जवानों के हथियार चुरा लिए होंगे.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि शहीद हुए दो सैनिकों के शव क्षत-विक्षत थे. अधिकारियों ने बताया कि सैन्यकर्मियों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाना के अंतर्गत आने वाले ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर शाम करीब पौने चार बजे हमला किया गया. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने घात लगाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
अधिकारियों ने बताया कि ये जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने दो वाहनों – एक ट्रक और एक जिप्सी – पर गोलीबारी कर दी. रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि बलों ने हमले का त्वरित जवाब दिया. अधिकारियों ने बताया कि इस जारी अभियान में पांच सैनिक शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल की व्यथित करने वाली तस्वीरों और वीडियो में सड़क पर पड़ा खून, सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के दो वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं.
इस हमले से कुछ ही सप्ताह पहले पास के राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ नवंबर में इस मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर क्वारी समेत दो आतंकवादी मारे गये थे. राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच का इलाका घने जंगलों वाला है और यह चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे. इसके बाद मई में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था। इस अभियान में एक विदेशी आतंकवादी भी मारा गया था.
राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में इस साल मुठभेड़ों में अब तक 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और 28 आतंकवादी मारे गए हैं. इन मुठभेड़ों में कुल 54 लोग मारे गए हैं. इससे पहले अक्टूबर 2021 में वन क्षेत्र में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हो गए थे. चमरेर में 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि 14 अक्टूबर को एक निकटवर्ती जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिकों ने जान गंवाई थी.
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