भोपाल। प्रदेश में गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन और गायों के भरण-पोषण के लिए सरकार गाय टैक्स (Government Cow Tax) वसूलने की तैयारी में है। इस टैक्स से प्रदेश में संचालित गौशालाओं में घास-भूखे का प्रबंध किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इसके संकेत दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गो-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड (Cow Husbandry and Livestock Promotion Board) की समीक्षा बैठक में अफसरों को निर्देश दिए कि गो-ग्रास के लिए टैक्स लगाने की योजना बनाएं। प्रदेश में गौशालाओं की बजट के अभाव में दयनीय स्थिति है। हर साल गौशालाओं में भूख-प्यास से गायों की मौत के मामले सामने आते हैं। कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) के समय में प्रदेश में 1 हजार से ज्यादा गौशालाओं का निर्माण करा दिया था। वर्तमान में इन गौशालाओं के संचालन के लिए सरकार के पास उतना बजट नहीं है, जितना होना चाहिए। इसलिए सरकार गौशालाओंं के लिए अगल से गाय के नाम पर सेंस लगाकर टैक्स वसूलने की तैयारी में है।
कांग्रेस सरकार में बन चुका था ड्राफ्ट
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय गौशालाओं के लिए धन जुटाने का ड्राफ्ट तैयार हो चुका था। इसके लिए बाकायदा गो शालाएं खोलने के लिए धन जुटाने वन, राजस्व, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिवों की कमेटी का गठन किया था, जबकि शिवराज सरकार में मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक सहमति के बाद गायों को पालने के लिए सेस लगाने पर गो-कैबिनेट की बैठक में विचार होगा। हालांकि अधिकारियों ने वाहनों की बिक्री, रजिस्ट्री और शराब पर सेस लगाने के विकल्प तैयार किए हैं।
132 करोड़ से घटकर 11 रह गया बजट
प्रदेश में राज्य में करीब 1300 गोशालाएं हैं, जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है। बताया जाता है कि पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए का आवंटन किया था। पिछले वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए रखा था, जबकि 2020-21 में तो यह सीधे 11 करोड़ रुपए हो गया, यानी लगभग 90 फीसदी की कटौती कर दी गई। यानी प्रति गाय सरकारी खुराक 20 रुपए से घटकर 1 रुपए 60 पैसे हो गई।
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