भोपाल। वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना चल रहा है और नए वित्तीय वर्ष से गाइडलाइन बढ़ेगी। इससे राजधानी भोपाल सहित प्रेदेशभर में जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा। ऐसे में प्रदेशभर के रजिस्ट्रार विभाग में रजिस्ट्री कराने के लिए भीड़ उमड़ रही है लेकिन सर्वर साथ नहीं दे रहा है। आए दिन सर्वर डाउन रहने से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है और लोगों को दिक्कत आ रही है। वहीं सरकार को करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रजिस्ट्रार विभाग का सर्वर मंगलवार को डाउन हो गया। इसका असर सर्विस प्रोवाइडर की सेवाओं पर पड़ा। इस कारण सर्विस प्रोवाइडर मंगलवार को रजिस्ट्री के दस्तावेज नहीं बना पाए। ऐसे स्लॉट की बुकिंग नहीं हो पाई। जिसका असर रजिस्ट्री पर पड़ा। बुधवार को भी दोपहर बाद सर्वर डाउन हो गया। इस कारण पिछले दो दिन में प्रदेशभर में तकरीबन 6 से अधिक हजार रजिस्ट्री नहीं हो पाई। जिससे सरकार को बड़ी आर्थिक क्षति हुई है।
दो दिन से स्लॉट बुक नहीं हो रहा
वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना होने से रोजाना भोपाल में 350 से 400 और प्रदेशभर में 3500 से 4000 रजिस्ट्री हो रही है। लेकिन पिछले दो दिन से स्लॉट बुक नहीं हो पा रहा है। सर्विस प्रोवाइडरों के यहां दस्तावेज बनवाने और स्लॉट बुक करवाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। बुधवार को दोपहर तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन सर्वर फिर से दगा दे गया।
क्रेता-विक्रेता हो रहे परेशान
रजिस्ट्रार विभाग का सर्वर डाउन होने से रजिस्ट्री कराने के लिए आने वाले क्रेता और विक्रेता पिछले 2 दिन से परेशान हो रहे हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भोपाल से ही सर्वर में दिक्कत है। इससे वेबसाइट नहीं खुल पा रही है और इस कारण स्लॉट बुक नहीं हो पा रहे हैं। अब विभाग के अधिकारी सर्वर की तकनीकी त्रुटियों को दूर करने में जुटे हुए हैं।
पटरी पर नहीं आ सका ई-रजिस्ट्री सिस्टम
शीघ्र एवं त्रुटि रहित दस्तावेज पंजीयन के लिए ई-रजिस्ट्री पंजीयन सुविधा शुरू की गई थी। लेकिन ई-पंजीयन रजिस्ट्री सिस्टम अब तक पटरी पर नहीं आ सका। सॉफ्टवेयर की उलझनों में सर्विस प्रोवाइडरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सर्विस प्रोवाइडरों को कमीशन के आधार पर ई-रजिस्टी कराने का दायित्व प्रशासन द्वारा सौंपा गया है।
प्रदेश में रजिस्ट्री में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। वेंडर एप्लिकेशन में परेशानी आई है। इस कारण सर्विस प्रोवाइडर्स को समस्या आ रही है। जिसे जल्द दूर कर दिया जाएगा। रजिस्ट्री कार्यालय में स्लॉट बुक हो रहे हैं।
स्वप्नेश शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार और संपदा प्रभारी, भोपाल
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