इंदौर। वैसे तो गाइडलाइन बढऩे के चलते मार्च के अंतिम दिनों में पूर्व के वर्षों में भी अधिक भीड़ रजिस्ट्रार दफ्तरों में देखी गई है, मगर यह पहला मौका है जब इस तरह का मेला नजर आया और अंतिम दिन कल रात ढाई बजे तक रजिस्ट्रियां करवाने के लिए स्लॉट बुकिंग के बाद लोग मौजूद रहे। रात 11 बजे तक स्लॉट बुकिंग बढ़ाकर जारी की जाती रही, ताकि जितने भी लोग रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं वे करवा लें। विभाग की बम्पर आय हुई है, जो कि 1850 करोड़ पार कर गई। कल भी ढाई हजार से ज्यादा रजिस्ट्रियां हुई, जिससे 35 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ। मार्च के महीने में ही 370 करोड़ से अधिक की स्टाम्प ड्यूटी हासिल हुई।
आज 1 अप्रैल से गाइडलाइन में 25 फीसदी तक इजाफा किया गया है। 745 क्षेत्र ऐसे हैं जहां 10 से 25 फीसदी तक गाइडलाइन में वृद्धि हो गई है। रियल इस्टेट के कारोबार में बीते 6 महीने में रिकॉर्डतोड़ तेजी आई और इंदौर की चारों दिशाओं में धड़ल्ले से कालोनियां कटने लगी और पहले डायरियों पर माल बिका और फिर उसके बाद रजिस्ट्रियां धड़ाधड़ करवाई जाने लगी। गाइडलाइन बढऩे के कारण अंतिम दिनों में सभी रजिस्ट्रीकरण दफ्तरों में मानों मेला ही लग गया। कल रात ढाई बजे तक रजिस्ट्रियां होती रहीं और आधी रात के बाद तक जबरदस्त भीड़ रही।
वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे के मुताबिक कल कई मर्तबा स्लॉट बुकिंग बढ़ाई जाती रही और रात 11 बजे तक भी अतिरिक्त स्लॉट बुक किए गए। प्रयास यह रहा कि अंतिम दिन जितने लोग चाहते हैं उनकी रजिस्ट्रियां हो जाएं। हालांकि कई लोग स्लॉट बुकिंग हासिल न करने के चलते रजिस्ट्रियां करवाने से वंचित रहे। बावजूद इसके बम्पर राजस्व विभाग ने बटोर लिया और अभी तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए। मार्च के माह में जहां सर्वाधिक 370 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ, तो पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1850 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हो गया, जो शासन द्वारा तय किए गए 1600 करोड़ रुपए के लक्ष्य से ढाई सौ करोड़ तक ज्यादा हो गया है।
इंदौर में अचल सम्पत्तियों के इतनी बड़ी तादाद में रजिस्ट्रेशन का भी रिकॉर्ड बन गया है। लगभग सवा लाख से अधिक रजिस्ट्रियां वित्त वर्ष में हो गई। वैसे तो अधिकांश रजिस्ट्रियां गाइडलाइन पर होती है, लेकिन वास्तविक मूल्य इसका दो से तीन गुना तक अधिक रहता है। यानी 1 नम्बर में भले ही 18 से 20 हजार करोड़ की सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त हुई हो, मगर वास्तविकता में यह आंकड़ा इससे दो से तीन गुना अधिक यानी 40-50 हजार करोड़ तक का है। अब दो-तीन दिन पंजीयन दफ्तरों में शांति रहेगी और अधिकारी-कर्मचारी थकान उतारेंगे। सम्पदा पोर्टल में भी नई गाइडलाइन अपलोड होगी।
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