इंदौर, विकाससिंह राठौर। परिवहन विभाग की वसूली का एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है। परिवहन विभाग गाडिय़ों के जिन प्लास्टिक रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए 200 रुपए का शुल्क लेता था, वही कार्ड अब गली-मोहल्ले के एमपी ऑनलाइन सेंटर्स पर सिर्फ 50 रुपए में निकलने लगे हैं। परिवहन विभाग द्वारा कार्ड बंद किए जाने के बाद अब बड़ी संख्या में लोग एमपी ऑनलाइन से जाकर अपने कार्ड निकलवा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग ने 1 अक्टूबर से प्रदेश में रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के कार्ड जारी करना बंद कर दिया है। यह इसलिए किया गया, क्योंकि कार्ड उपलब्ध करवाने से लेकर प्रिंट करके देने का काम स्मार्टचिप कंपनी द्वारा किया जाता था और कंपनी अपना अनुबंध पूरा होने के बाद काम छोडक़र जा चुकी है। इस बीच किसी नई कंपनी की नियुक्ति न हो पाने के कारण परिवहन विभाग ने प्रदेश में कार्ड जारी करना बंद करते हुए डिजिटल कार्ड को ही पूर्ण मान्यता दे दी है, जिसे कोई भी अपने मोबाइल में एम-परिवहन या डीजी लॉकर जैसी ऐप से डाउनलोड कर सकता है।
वहीं जिन लोगों के पास मोबाइल नहीं है उन लोगों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग ने रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की डिजिटल कॉपी डाउनलोड करने का विकल्प भी दिया है, जिसका प्रिंटआउट कहीं से भी लेकर अपने साथ रखा जा सकता है। खास बात यह है कि परिवहन विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन कार्ड मूल रूप में ही डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवाया गया है। इसके कारण एमपी ऑनलाइन सेंटर्स और बड़े फोटोकॉपी सेंटर्स जिस तरह आधार कार्ड का प्लास्टिक पर प्रिंट देते हैं, उसी तरह अब रजिस्ट्रेशन कार्ड को भी डाउनलोड करके उन्हें मात्र 50 रुपए में प्लास्टिक कार्ड पर प्रिंट करके देने लगे हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नहीं मिल रही सुविधा
परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को ऑनलाइन डाउनलोड करने की सुविधा अपने पोर्टल पर दी गई है, लेकिन सिर्फ रजिस्ट्रेशन कार्ड का प्रिंट ही मूल रूप से मिलने के कारण उसे प्लास्टिक कार्ड पर प्रिंट किया जा सकता है। लाइसेंस की ऑनलाइन कॉपी निकालने पर यह सर्टिफिकेट के रूप में मिल रहा है, जिसके कारण उसे कार्ड पर प्रिंट नहीं किया जा सकता है। वैसे भी विभाग द्वारा लाइसेंस अब भी चिप लगे कार्ड में दिए जा रहे थे।
फिर कार्ड शुरू करने की तैयारी में सरकार
परिवहन विभाग नए साल से एक बार फिर कार्ड शुरू करने की तैयारी में है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विभाग को कार्ड से करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता था, लेकिन इसके बंद हो जाने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे देखते हुए दोबारा कार्ड की व्यवस्था शुरू करने के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और नए साल से पुरानी व्यवस्था फिर से नजर आने की पूरी संभावना है। इससे आम लोगों को जो डिजिटल कार्ड का फायदा मिल रहा है वो मिलना बंद हो जाएगा।
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