हैदराबाद । दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर (Regarding the Ordinance of Central Government) हैदराबाद में (In Hyderabad) तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख (Telangana CM and BRS Chief) के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrasekhar Rao) से मुलाकात की (Met) ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सर्विस मामले पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन के लिए तेलंगाना के सीएम केसीआर से मुलाकात की है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा था कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा पारित असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक अध्यादेश के खिलाफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर का समर्थन मांगेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश पारित किया था, जिसमें दिल्ली सरकार को कानून बनाने और नौकरशाहों को पोस्ट या ट्रांसफर करने की शक्ति दी गई थी। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं।
सीएम केजरीवाल अन्य आप नेताओं के साथ अध्यादेश के खिलाफ पार्टी को समर्थन देने के लिए भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से आग्रह करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम केजरीवाल बीआरएस से यह भी अनुरोध करेंगे कि मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश को बदलने के लिए संसद में लाए जाने वाले विधेयक का विरोध किया जाए।
केसीआर के साथ बैठक आप नेताओं की विभिन्न राज्यों में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के साथ होने वाली बैठकों की श्रृंखला में लेटेस्ट होगी। केजरीवाल ने संसद में कांग्रेस का समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी से भी समय मांगा है। सीएम केजरीवाल ने 25 मई को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार से समर्थन हासिल करने के लिए मुलाकात की थी।
आप नेताओं ने शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे के साथ भी मुलाकात की थी। सीएम केजरीवाल इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करने के लिए कोलकाता गये थे। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि जब नरेंद्र मोदी सरकार संसद में विधेयक पेश करेगी तो तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध करेगी।
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