नई दिल्ली (New Delhi)। बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी(custom duty on gold) में कटौती की घोषणा (Announcement of cuts)के बाद केंद्र सरकार (Central government)सितंबर में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना के भविष्य(The future of planning) के बारे में अंतिम निर्णय लेने की योजना बना रही है। कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद सोने की कीमतों में कमी ने एसजीबी, फिजिकल गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) समेत सोने के सभी निवेशों पर रिटर्न को प्रभावित किया है, जिसकी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) अब लगभग 10-11 प्रतिशत होने की उम्मीद है। एक विश्लेषक के अनुसार, अगर शुल्क में कटौती नहीं होती तो यह 6 से 7 प्रतिशत अधिक हो सकता था।
सूत्रों से पता चला है कि एसजीबी के जरिए राजकोषीय घाटे को वित्तपोषित करने की लागत काफी अधिक है और यह योजना से निवेशकों को मिलने वाले फायदे के अनुरूप नहीं है। इस असमानता के कारण सरकार अगले महीने होने वाली बैठक में इस योजना को बंद करने का निर्णय ले सकती है।
10 किस्तों से दो पर आ गए
एक अधिकारी ने कहा, “पहले, हमारे पास एक साल में 10 किस्तें होती थीं, फिर हम चार और अब दो पर आ गए। सितंबर में जब हम बैठक करेंगे, तो हम इस बात पर निर्णय लेंगे कि हमें इस साल किस्त जारी करनी चाहिए या नहीं, यह ध्यान में रखते हुए कि इससे निवेशकों और सरकार दोनों को लाभ होना चाहिए।”
सोने की कीमतों में कमी, लेकिन डिमांड बढ़ गई
बता दें 23 जुलाई से घरेलू सोने की कीमतों में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट तब हुई जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर कस्टम ड्यूटी को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया। इस कटौती से सोने की कीमतों में कमी तो आई, लेकिन डिमांड बढ़ गई। ”
अधिकारी ने यह भी बताया किया कि एसजीबी योजना राजकोषीय घाटे को वित्तपोषित करने के लिए अधिक महंगे साधनों में से एक है। इसे जारी रखने के बारे में एक व्यापक निर्णय लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह सामाजिक क्षेत्र की योजना नहीं है, बल्कि एक निवेश विकल्प है।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कटौती का उद्देश्य सोने की तस्करी पर अंकुश लगाना है, जो हाल ही में सोने की उच्च कीमतों के कारण बढ़ी है। 23 जुलाई के बजट में सरकार ने 1 फरवरी के अंतरिम बजट में सकल एसजीबी इश्यू को 29,638 करोड़ रुपये से घटाकर 18,500 करोड़ रुपये कर दिया। एसजीबी के माध्यम से शुद्ध उधारी को पहले अनुमानित 26,138 करोड़ रुपये से घटाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
8 साल में 126.4 प्रतिशत का रिटर्न
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 5 अगस्त, 2016 को जारी किए गए थे, अगस्त के पहले सप्ताह में भुनाए इनका रिडम्पशन होने वाला है। कस्टम ड्यूटी में कटौती के कारण इन निवेशकों को उम्मीद से कम रिटर्न मिलने के आसार हैं। ये बॉन्ड 3,119 रुपये की कीमत पर जारी किए गए थे और मौजूदा सोने की कीमतों को देखते हुए, आठ साल में अर्जित ब्याज के अलावा, मूल्य वृद्धि 100 प्रतिशत से अधिक हो गई है। 2016 के SGB सीरीज II बॉन्ड को इस साल मार्च में भुनाया गया था। इसने आठ साल की होल्डिंग में ब्याज के साथ-साथ 126.4 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
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