भोपाल। एक साल पहले कोरोना (Corona) की पहली लहर में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पुलिस राजधानी में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे। सभी रास्ते खुले थे। किसी को भी आवागमन की सुविधा नहीं थी। जबकि कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में भोपाल में उलटा हो गया है। इस बार राजधानी के आधे से ज्यादा प्रमुख रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। जबकि लॉकडाउन (Lockdown) (कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) में किसी की भी आवाजाही पर रोक नहीं है। रास्तों को बंद करके पुलिस बल को सड़क से हटाकरा अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा में तैनात कर दिया है। राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। ऐसा चिकित्सीय अमले की सुरक्षा को लेकर किया गया है। क्योंकि आए दिन अस्पतालों में विवाद की स्थिति बन रही है। दूसरी लहर में कोरोना (Corona) ज्यादा खतरनाक होता दिखाई दे रहा है। लोगों को ज्यादा संख्या में चपेट में लिया है। मौतें भी ज्यादा हो रही हैं। अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सीजन (Oxygen) नहीं है। इलाज के अभाव में मरीजों की मौत होने के आरोप लग रहे हैं। इसको लेकर अस्पतालों में मरीजों के परिजनों द्वारा हंगामा और मारपीट के मामले बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ानी पड़ रही है। हर सरकारी अस्पताल (Hospital) के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा अमला तैनात करने का दावा किया जा रहा है।
रास्ता बंद से जाम के हालात
गृह विभाग ने कोरोना कर्फ्यू केा लेकर जो गाइडलाइन जारी की उसके अनुसार दुकान, मॉल, बाजार बंद हैं। जबकि अन्य सभी तरह के कार्यालय, उद्योग, फैक्ट्री एवं अन्य निर्माण कार्य स्थलों को छूट है। ऐसे में सड़कों पर लोग भारी संख्या में निकल रहे हैं। सड़कें बंद होने से जाम की स्थिति बनती है। शाम को जब सरकारी एवं निजी कार्यालय बंद होने का समय होता है तो जाम की स्थिति बनती है।
पुलिसकर्मी भी हो रहे संक्रमित
कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी संक्रमित हुए हैं। प्रदेश भर में अभी तक करीब डेढ़ हजार पुलिस जवान संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण से बचने के लिए पुलिस मुख्यालय ने फील्ड में तैनात पुलिस जवानों को फेस शील्ड एवं एन-95 मास्क अनिवार्य रूप से लगाने के ओदश जारी किए हैं।
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