इंदौर। शहर के जर्जर और बदहाल सरकारी स्कूलों के कायाकल्प का प्रस्ताव कलेक्टर आशीष सिंह ने पिछले दिनों तैयार करवाया और रिडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट का जिम्मा हाउसिंग बोर्ड को सौंपा है। फिलहाल ऐसे 61 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है, जिनके पास पर्याप्त संख्या में जमीनें उपलब्ध है, जिनका व्यावसायिक दोहन किया जा सकता है। इसके अलावा नगर निगम के जरिए भी कुछ प्रोजेक्टों को अमल में लाया जाएगा। वहीं अन्य सरकारी विभागों की जमीनों का भी इस्तेमाल भू-उपयोग परिवर्तन करवाकर किया जाएगा। होलकर साइंस कॉलेज, ओल्ड पलासिया और आईटीआई की जमीनों को लेकर कल कलेक्टर द्वारा बुलवाई गई बैठक में निर्णय भी लिए गए। शहर के बीच स्थित ये जमीनें बेशकीमती हैं।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा हुकमचंद मिल की 42 एकड़ जमीन पर भी प्रोजेक्ट लाया जा रहा है, जिसमें नगर निगम की भी भागीदारी रहेगी। लगभग 500 करोड़ रुपए की राशि हाउसिंग बोर्ड ने पिछले दिनों इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर मजदूरों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को भुगतान के लिए जमा भी करवाई है। उसी के साथ कलेक्टर ने 61 सरकारी स्कूलों के कायाकल्प का जिम्मा भी हाउसिंग बोर्ड को सौंपा है। अभी 250 से अधिक सरकारी स्कूल बदहाल कम्युनिटी हॉल में संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 35 से अधिक हाई सेकंडरी, 90 मीडिल, प्राइमरी और एक दर्जन हाई स्कूल शामिल हैं। शासन ने सरकारी जमीनों पर प्रोजेक्ट लाने की अनुमति पिछले दिनों हाउसिंग बोर्ड को दी थी, जिसमें पुनर्घनत्वीकरण यानी रिडेंसीफिकेशन स्कीम के जरिए सरकारी भवनों को नए सिरे से बनाने, उनकी खाली जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने, ताकि प्रोजेक्ट की लागत वसूल हो सके उसकी प्रक्रिया कई सरकारी विभागों के साथ मिलकर की जा रही है।
पिछले दिनों कलेक्टर ने इस संबंध में बुलाई बैठक में सरकारी स्कूलों की अनुपयोगी और खाली पड़ी जमीनों के लिए ये प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश हाउसिंग बोर्ड को दिए। दूसरी तरफ कल जीर्ण-शीर्ण हो चुके कई सरकारी भवनों-परिसरों के लिए भी रिडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्णय लिया। इन भवनों की खाली जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन व्यवसायिक-आवासीय करवाया जाएगा, ताकि इनका इस्तेमाल नवीन भवन बनाने के अलावा होस्टल, ऑडिटोरियम, स्टेडियम या अन्य कार्यों में भी किया जा सके। कल कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव, नगर निगम के अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह, अभिलाष मिश्रा, सिद्धार्थ जैन सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत अनेक शासकीय भवनों को शामिल करने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। बताया गया कि इस योजना में होलकर साइंस कॉलेज की 1.20 हेक्टेयर रिक्त भूमि, ओल्ड पलासिया स्थित संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग का संभागीय कार्यालय तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की 8 हजार 565 वर्ग मीटर भूमि को शामिल करने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये है। यह भी उल्लेखनीय है कि शहर में कई सरकारी विभागों के पास काफी जमीनें हैं, जिनकी बाजार दर अच्छी-खासी है, क्योंकि इंदौर वैसे भी रियल इस्टेट कारोबार का प्रदेश का सबसे बड़ा गढ़ है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved