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    लालफीताशाही: 6 लाख ‘भांजे-भांजियों’ को समय पर नहीं मिलेगी साइकिल

  • July 03, 2022

    • खरीदी की टेंडर प्रक्रिया में उलझी खरीदी प्रक्रिया

    भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छह लाख छात्र-छात्राएं स्कूल खुलने के चार महीने से भी ज्यादा समय तक पैदल या अन्य साधनों से पढ़ाई के लिए स्कूल जा पाएंगे। उन्हें समय पर साइकिल नहीं मिल सकेगी। इसकी मुख्य वजह यह है कुछ दिन पूर्व ही टेंडर होने की वजह से कंपनियों ने अब तक रेट नहीं दिए है। ऐसी दशा में यह प्रक्रिया को पूरा होने में ही जुलाई का महीना बीत जाएगा। दूरस्थ अंचलों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को जिन्हें स्कूल जाने के लिए दो किमी की दूरी तय करना पड़ती है उन्हें साइकिल दी जाती है। पहले एक गांव से दूसरे गांव जाने वाली छात्राओं को ही देने का प्रावधान था। इसके तहत छठवीं की छात्राओं को 18 और नौवीं में पढऩे वाली छात्राओं को 20 इंच की साइकिल दी जाती है।

    महंगाई ने बिगाड़ा साइकिल का बजट
    छात्राओं को साइकिल देने के लिए 200 करोड़ का बजट है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक साइकिल आमतौर पर 3550 रुपए की आती है, लेकिन महंगाई बढऩे की वजह से यह 4000 रुपए तक जाने की संभावना है। इस तरह से 450 रुपए प्रति साइकिल पर अंतर आ सकता है। कुछ दिन पहले ही टेंडर हुए हैं। कोटेशन आने में ही एक महीने से ज्यादा समय लग जाएगा। छात्राओं का पहले छठवीं में साइकिल मिलती है उसके बाद नौवीं में आने पर फिर से साइकिल दी जाती है।


    अक्टूबर तक हो सकती है सप्लाई
    वर्तमान में साइकिल के लिए टेंडर ही हुए हैं। इसके बाद कंपनियां कोटेशन देती हैं। जब कोटेशन सेंक्शन होते उस प्रक्रिया में भी सप्लाई तक करीब तीन-चार महीने लग जाता है। ऐसे में साइकिल अक्टूबर तक उपलब्ध हो सकेंगी। कई बार कंपनियां अगर ज्यादा रेट देती हैं तो फिर से रि-ऑक्शन कर रेट लिए जाते हैं।

    साइकिल के लिए स्कूल आते हैं बच्चे, ड्रापआउट भी कम
    अधिकारियों ने बताया कि छात्र साइकिल के लिए स्कूल आते हैं। यह उनमें उत्साह बढ़ाती है। ऐसे में ड्रापआउट रेट भी कम होता है। छात्राएं भी स्कूल आती हैं क्योंकि माता-पिता उन्हें पैदल भेजना नहीं चाहते। पहले गांव पढऩे वाली छात्राओंं को साइकिल मिलती थी लेकिन अब दो किमी की दूरी तय कर दी है।

    नि:शुल्क प्रवेश के लिए 5 जुलाई तक आवेदन
    शिक्षा का अधिकार कानून में सत्र 2022-23 में प्रायवेट स्कूलों की प्रथम कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन अब 5 जुलाई तक किए जा सकेंगे। पूर्व में यह तिथि 30 जून तक निर्धारित थी। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि पात्रतानुसार निजी विद्यालय में नि:शुल्क प्रवेश के लिए आवेदकों का चयन ऑनलाइन लॉटरी द्वारा 14 जुलाई को किया जायेगा। वर्तमान में स्थानीय निकाय निर्वाचन प्रक्रिया में शासकीय सेवकों की ड्यूटी और कई पालकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन के बाद सत्यापन कार्य नहीं कराए जा सकने की स्थिति में छात्र हित को देखते हुए समय-सारणी में संशोधन किया गया है।

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