नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) ने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ के ज़रिए (Through ‘Lateral Entry’) लोकसेवकों की भर्ती (Recruitment of Public Servants) संविधान के खिलाफ है (Is against the Constitution) । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”यह यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है। ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण सेबी है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया।” आखिर में कांग्रेस सांसद ने लिखा, ”प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का इंडिया मजबूती से विरोध करेगा। ‘आईएएस का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है।”
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘लेटरल एंट्री’ को लेकर विरोध जताते हुए एक्स पर लिखा, ”भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है। ये तरीक़ा आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा। आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे। सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है। अब जब भाजपा ये जान गई है कि संविधान को ख़त्म करने की भाजपाई चाल के ख़िलाफ़ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है।”
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