मॉस्को। विश्व में इस वर्ष सरकारी विरोधी प्रदर्शनों और कोरोना वायरस महामारी के प्रतिबंधों के कारण रिकार्ड संख्या में पत्रकारों को जेल हुई है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निगरानी संगठन ने मंगलवार को बताया कि एक दिसंबर तक कम से कम 274 पत्रकारों को जेल हुई है जो 1990 के दशक की शुरुआत में कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट द्वारा एकत्र किए गए आंकडों के बाद सबसे अधिक संख्या है। यह लगातार पांचवा वर्ष है जब कम से कम 250 पत्रकारों को जेल हुई।
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के कार्यकारी निदेशक जोएल साइमन ने कहा कि यह चौंकाने वाला और भयावह है कि हम वैश्विक महामारी के बीच इतनी बड़ी संख्या में पत्रकारों को जेल में देख रहे हैं। साइमन ने कहा कि यह दमनकारी लहर है जो जानकारी के प्रवाह को बाधित कर रही है।
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक तनाव इन गिरफ्तारियों के कारण हैं और दुनिया में पत्रकारों को जेल भेजने वालों में चीन, तुर्की, मिस्र और सऊदी अरब सबसे ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि सीपीजे ने प्रेस स्वतंत्रता अभियान शुरू किया, जिसमें दुनिया के नेताओं से जेल में बंद पत्रकारों को रिहा करने का आव्हान किया गया। सीपीजे ने दुनिया भर में जेल में बंद कम से कम 75 पत्रकारों की जल्द रिहाई में योगदान दिया है।
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