सीहोर। तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रेहटी क्षेत्र में करीब 11 इंच से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं नर्मदा का जल स्तर लगातार बढऩे के साथ ही जिले के नदी, नाले उफान पर हैं। भारी बारिश से जिले के करीब 12 से अधिक प्रमुख मार्गों का संपर्क टूट गया और करीब 8 घंटे तक मार्ग बंद रहे। इधर जलाशयों में भी पर्याप्त पानी आ गया है। कोलार डैम भी लबालब होने से चार गेट खोले गए हैं, कोलार नदी भी उफान पर हैं। जिले के अलग-अलग हिस्सों में फंसे करीब 17 लोगों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
सीहोर शहर में भी कई कॉलोनी, मोहल्लों व घरों में पानी भर गया। बकरी पुल पर एक बांस का बेड़ा आकर पुल के ऊपर रखा गया। इससे कस्बा से इंदौर नाका की तरफ जाने वाला मार्ग कई घंटो तक बंद रहा। इसके अलावा सीवन नदी, सीटू नाला उफान पर होने से आसपास का क्षेत्र जलमग्र हो गया। वहीं बकरी पुल, चद्दर पुल, करबला पुल के ऊपर से पानी बह रहा था। इससे आवागमन का मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया था। स्वदेश नगर, देव नगर, कस्बा, सुदामा नगर, बडिय़ाखेड़ी क्षेत्र सहित अन्य हिस्सों में पानी भराने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई लोगों की गृहस्थी का सामान भी पानी में भीगने से खराब हो गया।
पंचायत के अमले को किया तैनात
नसरुल्लागंज क्षेत्र में नर्मदा का जल स्तर बढऩे और नदी, नालों के उफान पर होने से कई गांवों का भी शहर व प्रमुख मार्गों से संपर्क कट गया। वहीं कई गांवों में पानी भरने से ग्रामीणों को भी काफी परेशानी हुई है। हालांकि कोई जनहानी हुई है। वहीं प्रशासन ने हर गांव में पंचायत के अमले को तैनात कर दिया है। साथ ही कंट्रोल रूम में सूचना देने के निर्देश दिए हैं।
17 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला
एसडीईआरएफ की टीम ने ग्राम पिपलियामीरा और नसरुल्लागंज के नंदगांव में फंसे 17 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा। इसमें ग्राम पिपलिया मीरा में बाढ़ में फंसे नरसिंग, भूरा, फूलवती और प्रियांशी को सुरक्षित बाहर निकाला। इसी तरह नंदगांव से बाबूलाल प्रजापति, गायौतार प्रजापति, रमाबाई प्रजापति, शुभम प्रजापति, भूरा प्रजापति, सुनीता, अमीता आदि को सुरक्षित निकाला। कुलांस नदी में भी फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके साथ ही छीपानेर मार्ग पर छह लोगों के बाढ़ में फंसने की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची और सभी को सुरक्षित निकाला।
टापू में तब्दील हुए गांव
भारी बारिश के चलते इछावर तहसील के लसूडिय़ा कांगर और कालापीपल सडक़ के बीच पुलिया पूरी तरह से जलमग्र हो गई। कालापीपल जलाशय लबालब होने से इसका पानी बावडिय़ा नोआबाद गांव में भरा गया है। गांव के चारो तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया। हालांकि प्रशासन अलर्ट पर हैं।
घोघरा डैम छलका, गेट नहीं होने से माईनर टूटने का खतरा
नसरुल्लागंज तहसील में बाणगंगा नदी में बने घोघरा डैम लबालब हो गया है। डैम में गेट नहीं होने से छलकने लगा है। ऐसे में माईनर टूटने का खतरा बना हुआ है। यदि ओवर फ्लो होकर डैम टूटता है तो निचले इलाकों के करीब 20 गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही कई गांव तवाह भी हो सकते हैं। हालांकि एहतियात के लिए गांव में प्रशासन अमले को अलर्ट कर तैनात किया गया है।
इन मार्गों में किया आवागमन बंद
बारिश के चलते सीहोर से सेमरा दांगी, सीहोर, से श्यामपुर, चांदवड़-भडारखेड़ी, बरखेड़ाहसन-नाईखेड़ी मार्ग, बरखेड़ा हसन-देहरी मार्ग, सीहोर बिलकिसगंज-नीलबड़ मार्ग, कोठरी कला-निपानिया मार्ग, रामनगर-इछावर मार्ग, इछावर-झालकी मार्ग, सीहोर शहर में बकरी पुल मार्ग, करबला पुल मार्ग को बंद किया गया है। इसके अलावा नसरुल्लागंज-इंदौर, रेहटी-होशंगाबाद, रेहटी-भोपाल, मालीबाया-झोलियापुर, रेहटी-ओबेदुल्लागंज मार्ग को भी करीब आठ घंटे बंद कर दिया गया था।
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