उज्जैन। महाकाल मंदिर के साथ साथ अब मंगलनाथ मंदिर में भी रिकॉर्ड दान आ रहा है। वर्ष 2023-24 में मंदिर को अलग अलग मद से 9 करोड़ 89 लाख रुपए की आय हुई है। महाकाल महालोक के लोकार्पण के बाद से ही उज्जैन नगर के अन्य मंदिरों पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु महाकाल मंदिर के बाद अन्य मंदिरों में भी दर्शन करने जाते हैं और वहाँ भी दिल खोलकर दान कर रहे है। इसी क्रम में विश्व प्रसिद्ध भगवान मंगलनाथ मंदिर पर भात पूजन एवं अन्य पूजन कराने हेतु आने वाले यजमानों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।
मंगलनाथ मंदिर पर आने वाले यजमानों की भात पूजन एवं अन्य पूजन कालसर्प दोष, श्रापित दोष, गुरु चांडाल दोष, कुम्भ विवाह, अर्क विवाह आदि पूजन मंदिर के विद्ववान पंडितों के द्वारा संपूर्ण विधान के साथ संपन्न कराई जाती है और इन पूजन के माध्यम से मंदिर को करोड़ों रुपए की आय हुई है। मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक केके पाठक ने बताया गया कि वित्तीय वर्ष अप्रैल 2023 से मार्च 2024 की अवधि में भात पूजन एवं अन्य पूजन से 3 करोड़ 5 पाँच लाख 29 हजार की आय मंदिर समिति को प्राप्त हुई हैं। इसी प्रकार हाल ही में मंदिर परिसर स्थित निर्मित दुकानों को ई-निविदा के माध्यम से 30 वर्ष के लिए लीज पर दी गई हैं जिससे मंदिर समिति को राशि रूपए 6 करोड़ 50 लाख 7 हजार की आय प्राप्त हुई है। साथ ही यहाँ मंदिर में स्थापित दान पेटी से मंदिर समिति को राशि रुपए 59 लाख 56 हजार की आय प्राप्त हुई है। भक्तों ने बैंक आफ महाराष्ट्र, शाखा चिमनगंज मंडी, उज्जैन के खाते में क्यू आर कोड के माध्यम से राशि रुपए 19 लाख 16 हजार से अधिक का दान ऑनलाइन किया है। इस प्रकार 1, अप्रैल 2023 से 31, मार्च 2024 की अवधि में मंदिर समिति को रुपए 9 करोड़ 89 लाख 9 हजार 369 रुपए की आय हुई है। मंगलनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों को पूजन के लिए शासकीय रसीद कटवाना होता है। मंदिर समिति द्वारा सामान्य भात पूजन के लिए 150 रुपए, नवग्रह शांतिपूजन 200 रुपए, पंचाग कर्म पूजन 500 रुपए, जप पूजन 1100 रुपए और अन्य विभिन्न दोष पूजन के लिए 100 रुपए का शुल्क लिया जाता है।
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