आज जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में जिला पंजीयकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में हुई रजिस्ट्रियों के रखे आंकड़े, 10 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी के प्रस्ताव, अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होगा
इंदौर। आज जिला मुल्यांकन समिति (District Assessment Committee) की बैठक कलेक्टर (Collector) की अध्यक्षता में सुबह शुरू हुई, जिसमें अचल संपत्तियों की आगामी वित्त वर्ष के लिए गाइड लाइन बढ़ाए जाने पर प्रस्ताव जिला पंजीयकों द्वारा सौंपे गए। 10 से लेकर 30 प्रतिशत तक गाइड लाइन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव उन क्षेत्रों में तैयार किए गए हैं, जहां चालू वित्त वर्ष में सबसे अधिक रजिस्ट्रियां हुई और गाइड लाइन (Guide Line) से अधिक दामों पर भी ये रजिस्ट्रियां करवाई गई। इन क्षेत्रों में नई कालोनियां, टाउनशिप के साथ कई बडे प्रोजेक्ट आ रहे हैं। लगभग 1317 ऐसी लोकेशन चिन्हित की गई है, जहां पर जमीनों की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
आगामी वित्त वर्ष में गाइड लाइन कितने प्रतिशत बढ़ाई जाएगी, इसका फैसला हालांकि शासन स्तर पर लिया जाना है। अभी मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो जाएगी, ऐसे में संभव है कि शासन चुनाव के चलते गाइड लाइन में बढ़ोतरी न करवाए और फिर 3 महीने बाद जुलाई से नई गाइड लाइन कुछ क्षेत्रों में बढ़ाई जाए। बहरहाल शासन के निर्देश पर पंजीीयन विभाग ने गाइड लाइन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके चलते आज पहली बैठक बुलाई गई है। बायपास, सुपर कारिडोर, खंडवा रोड के साथ-साथ इंदौर-उज्जैन रोड की कालोनियों में भी सबसे अधिक तेजी बीते एक साल में देखी गई है, जिसके चलते विभाग ने इन क्षेत्रों में हुई रजिस्ट्रियों की जानकारियां एकत्रित की है। इनमें कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर 10 प्रतिशत तो अन्य क्षेत्रों में 15-20 से लेकर 30 फीसदी तक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। वहीं उन क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है, जहां पर नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं। नगर तथा ग्राम निवेश, जिला प्रशासन और नगर निगम से जिन कालोनियों और टाउनशिपों और प्रोजेक्टों को मंजूरी मिली है, उनकी सूची के आधार पर भी गाइड लाइन का निर्धारण किया जाना है। पंजीयन विभाग का कहना है कि सबसे अधिक तेजी सुपर कारिडोर और उससे लगी जमीनों के साथ-साथ खंडवा रोड, बायपास और उन क्षेत्रों में देखी गई, जहां पर विकास कार्य यानी ओवरब्रिज, सडक़ों और मेट्रो प्रोजेक्ट आ रहे हैं। आज जिला मुल्यांकन समिति की पहली ही बैठक है, जिसमें संशोधित की जाने वाली गाइड लाइन पर चर्चा की जाएगी। यह भी उल्लेखनीय है कि इस साल 2540 करोड़ रुपए का लक्ष्य जुटाना है, जिसमें अभी लगभग 20 फीसदी की कमी है। अभी 1850 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। हालांकि वित्त वर्ष फरवरी के कुछ दिन और मार्च का पूरा महीना बचा है, लगभग डेढ़ लाख दस्तावेजों का पंजीयन भी किया गया। जल्द ही पूर्वी रिंग रोड पर लगाई गई रोक भी हट जाएगी, जिसके चलते रजिस्ट्रियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा। अभी इंदौर के मास्टर प्लान के निवेश क्षेत्र में जो 79 गांव जोड़ें गए हैं, उनके अभिन्यासों की मंजूरी में धारा 16 की बाधा कायम है, जिसे शिथिल करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में जैसे ही अनुमतियां मिलेंगी, रजिस्ट्रियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण में आ रहे 34 गांवों की जमीनों की खरीद-फरोख्त पिछले दिनों रुकवा दी थी, जिसे बाद में कलेक्टर ने शुरू करवाया और उन सर्वे नंबरों को ही छोड़ा गया, जो कि फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहित की जाना है। पंजीयन विभाग का कहना है कि वैसे तो 3000 से अधिक ऐसे क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं, जहां पर वित्तीय वर्ष में पर्याप्त रजिस्ट्रियां हुई और जमीन की खरीद-फरोख्त भी अच्छी रही है, लिहाजा इनमें अलग-अलग लोकेशन की छंटनी की गई है, जहां पर सबसे अधिक तेजी है और गाइड लाइन से ज्यादा कीमत पर रजिस्ट्रियां हुई, उनमें सर्वाधिक 25 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है, वहीं 400 से अधिक लोकेशन ऐसी है, जहां पर 10 से 15 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है।
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