नई दिल्ली। फीस वापसी के नियम (Fee refund rules) का पालन नहीं करने पर अब कॉलेजों की मान्यता (Colleges Accreditation) रद्द कर दी जाएगी। इन्हें दिए जाने वाले सभी प्रकार के अनुदान रोक दिए जाएंगे। साथ ही, राज्य सरकारें ऐसे संस्थानों के खिलाफ स्टेट एक्ट के तहत कार्रवाई भी करेंगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) (University Grants Commission (UGC)) के सचिव प्रो. रजनीश जैन (Pro. Rajneesh Jain) ने मंगलवार देर शाम सभी राज्यों, विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें साफ किया गया कि दो अगस्त को फीस वापसी को लेकर तय नियमों का पालन करना होगा। यूजीसी ने पहली बार आठ तरह की सख्त कार्रवाई का लिखित आदेश जारी किया है। इसमें फीस वापसी नियम नहीं मानने पर किसी तरह का नया प्रोग्राम शुरू करने की अनुमति नहीं देना, डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा वापस लेने का जिक्र भी है।
31 अक्तूबर तक के आवेदन पर पूरी फीस वापस
नियम के मुताबिक, 31 अक्तूबर तक विद्यार्थी को प्रवेश रद्द करने के आवेदन पर पूरी फीस वापस करनी होगी। जबकि, 31 दिसंबर तक एक हजार रुपये तक की कैंसिलेशन फीस काटकर शेष फीस लौटानी होगी।
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