उम्मीदवार बदलने के बाद बगावत और भडक़ी
कमलनाथ का पुतला फूंका, लात-घूंसे चले
भोपाल। मध्यप्रदेश (MP) में सिर मुंडाते ही ओले पडऩे वाली कहावत कांग्रेस (Congress) में सिद्ध होते नजर आ रही है। बगावत रोकने के लिए 4 सीटों पर उम्मीदवार बदलने के कांग्रेस के प्रयास नाकाम साबित हुए। सीटें बदलते ही बगावत और बढ़ गई है। पिछले 24 घंटे में 4 और बड़े नेताओं ने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है।
मुरैना की सुमावली (Sumawali) सीट से कुलदीप सिकरवार का टिकट काटकर अजबसिंह को देने पर कुलदीप नाराज हो गए हैं। उन्होंने इसे अन्याय बताया, जबकि समर्थकों ने कमलनाथ का पुतला जलाया। कुलदीप ने यहां से निर्दलीय चुनाव लडऩे की बात कही है। [relost]
सागर के नरियावली से सुरेंद्र चौधरी का जबरदस्त विरोध हो रहा है। यहां से टिकट के दावेदार शारदा और चौधरी समर्थकों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। यहां शारदा खटीक ने भी निर्दलीय चुनाव लडऩे की बात कही।
खंडवा से 3 बार के विधायक रहे देवेन्द्र वर्मा का टिकट काटे जाने पर उनका दर्द छलक उठा। दशहरा मिलन समारोह में वर्मा ने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वह समर्थकों से चर्चा कर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं नर्मदापुरम्, सोहागपुर में पूर्व विधायकों ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। कई जगह लगभग यही स्थिति नजर आ रही है।
निशा बांगरे भी लड़ेंगी चुनाव
डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा दे चुकीं निशा बांगरे को अभी तक किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, लेकिन वे बैतूल जिले की आमला सीट से ही विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर चुकी हैं। कांग्रेस ने यहां से आखिरी समय में उम्मीदवार घोषित किया था। इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे यहां से निशा बांगरे को टिकट दे सकते हैं, लेकिन बांगरे को यहां से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद बांगरे ने कमलनाथ से मुलाकात की। अब उनके निर्दलीय या फिर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से भी चुनाव लडऩे की अटकलें लगाई जा रही हैं।
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