नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बने दो महीने ही हुए हैं और अभी से ही खटपट की खबरें आने लगी हैं. विधायकों द्वारा मंत्रियों और फंड को लेकर पहले ही नाराजगी जताई जा चुकी है, इस बीच गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सामने यहां खुले तौर पर विधायकों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की, सीएम ने यहां सभी से शिकायत सीधे उन्हें बताने की सलाह दी.
जानकारी के मुताबिक, विधायक बीआर पाटिल के नाम से एक कथित पत्र वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने सरकार के मंत्रियों के प्रति खुली नाराजगी दिखाई. विधायक ने अधिकारियों का बिना चर्चा किए ट्रांसफर होने, विकास के लिए फंड ना देने का मसला उठाया. कांग्रेस की विधायक दल बैठक का यही मुख्य विषय भी रहा.
क्यों नाराज हैं विधायक?
करीब दो दर्जन से ज्यादा विधायकों ने सरकार के रुख पर सवाल उठाए हैं, जिसमें मुख्य मुद्दा उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए फंड रिलीज़ ना होना बताया है. इसी नाराजगी पर बीते दिन डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का बयान आया था, जिसमें उन्होंने विधायकों से कहा था कि सरकार का पैसा पांच गारंटियों को पूरा करने में खर्च हो रहा है, इस वजह से उन्हें इंतजार करना होगा.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बयान दिया कि पार्टी में कोई असंतोष नहीं है, विधायकों ने सिर्फ अपने क्षेत्र की समस्याएं बताई हैं. यही कारण है कि विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी और अब सभी की समस्याओं को सुन लिया गया है.
सरकार गिराने की साजिश का आरोप
इन सभी खबरों के बीच डीके शिवकुमार का एक बयान काफी सुर्खियां बटोर रहा है, उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है, लेकिन यह साजिश बेंगलुरु की बजाय सिंगापुर से हो रही है. हालांकि, उन्होंने इसपर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.
बता दें कि कर्नाटक में कुछ वक्त पहले ही विधानसभा चुनाव हुए हैं और कांग्रेस की सरकार में वापसी हुए है, कर्नाटक में कांग्रेस के पास 135 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 66 विधायक हैं. कांग्रेस के लिए पहले सरकार बनने पर मुख्यमंत्री चुनने की चुनौती थी, तब सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में फाइट चल रही थी और अब सरकार बनने के दो महीने बाद ही इतनी बड़ी बगावत की सुगबुगाहट सामने आ रही है.
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