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    बागी विधायकों ने दी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनौती

  • July 16, 2020

    कहा- दोबारा चुनाव जीतकर बन सकते हैं विधायक, हम डरते नहीं
    जयपुर। राजस्थान में सियासी संकट अभी जारी है। सीएम अशोक गहलोत ने अपनी चाल से डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थकों की चाल का कुंद कर दिया है, लेकिन बागी विधायकों के हमले लगातार जारी हैं। इसी सिलसिले में कांग्रेस के बागी विधायक मुरारी लाल मीणा ने अशोक गहलोत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि गहलोत वास्तव में जादूगर हैं, जो झूठ को सच दिखा देते हैं। जब हम बसपा में थे और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए, उस वक्त हमें कितना पैसा दिया गया था यह बताएं। तब हम ईमानदार थे, तो आज भ्रष्ट कैसे हो गए। हमारी नाराजगी का एक ही कारण है हमारा स्वाभिमान। आज जो नोटिस जारी किए हैं, हम आज तक पार्टी के खिलाफ नहीं बोले हैं, अगर फिर भी वह चाहते हैं तो हमें विधायकी की भी कोई परवाह नहीं। हम चुनाव जीतकर दोबारा भी एमएलए बन सकते हैं, हमारे संस्कार डरने के नहीं है और हम आदिवासी समाज से आते हैं। उनको यह दिमाग से निकाल देना चाहिए, आज की तारीख में हम सब पढ़े लिखे हैं, सब चालों को समझते हैं।
    इसके अलावा सचिन पायलट के समर्थक विधायक रमेश मीणा ने भी गहलोत पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि पूरे राजस्थान में ब्यूरोक्रेट हावी था, जनप्रतिनिधियों के काम नहीं हो रहे थे। हमने जो बातें कैबिनेट में भी रखी थीं, उन मांगों पर मुख्यमंत्री ने ध्यान नहीं दिया। सरकार में जो लोकतंत्र होना चाहिए वह स्थापित नहीं किया। आज यह करोड़ों के लेन-देन की बात कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री यह बताएं कि जब हम बसपा में थे और कांग्रेस में आए तो कितने पैसे दिए। उसका खुलासा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को करना चाहिए।
    वहीं, बागी कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव और राजस्‍थान के प्रभारी अविनाश पांडे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वो कौन होते हैं यह कहने वाले की विधायक माफी मांगे और वापस लौट आएं। क्या उन्होंने कभी संविधान पढ़ा है। क्या उन्होंने कभी कोई चुनाव लड़ा है। विधायक दल की बैठक पर कभी व्हिप लागू नहीं होता है और हम विधानसभा के नोटिस का जवाब दे देंगे।
    इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीसी के दौरान कहा कि सरकार को गिराने की कोशिश नाकाम हुई। बीजेपी अपनी साजिश में फेल साबित हुई और उसने राजस्थान के जनमत के सामने हथियार डाल दिए हैं। वहीं, सचिन पायलट को लेकर कहा कि डिप्टी सीएम और उनके साथियों को कई बार आग्रह किया। वैचारिक मतभेद है तो पार्टी फोरम पर बात रख सकते हैं। उदार हृदय से बात सुनने और हल निकालने के लिए तैयार थे और एक से अधिक बार विधायक दल की बैठक में आने का न्‍योता दिया था।
    बहरहाल, कांग्रेस पार्टी ने सरकार को गिराने के षडयंत्र करने पर कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ के पद से मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने उनके दो समर्थकों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस पूरे घटनाक्रम में अभी तक खुलकर सचिन पायलट की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन अब माना जा रहा है सचिन पायलट आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रख सकते हैं। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ देर बाद होने वाली पीसी में सचिन पायलट के साथ गए तीन विधायक सीएम अशोक गहलोत का हाथ थाम सकते हैं।

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