मुंबई (Mumbai)। असली NCP की लड़ाई अभी भी चल रही है। शरद पवार गुट (Sharad Pawar faction) ने चुनाव आयोग (EC) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को अपने फैसले में अजित पवार गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बताया। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घड़ी अजित गुट को दे दिया। इससे पार्टी के संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका लगा। इसके बाद चुनाव आयोग ने शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट के लिए पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार’ यानी NCP शरद चंद्र पवार आवंटित कर दिया।
राकांपा के दो धड़े बनने के बाद छह महीने से अधिक समय तक पार्टी पर हक को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई चली। 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसी फैसले के खिलाफ शरद पवार के धड़े ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
राकांपा के दो धड़े बनने के बाद छह महीने से अधिक समय तक पार्टी पर हक को लेकर चुनाव आयोग में सुनवाई चली। 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया था। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा। इस फैसले पर शरद पवार के धड़े ने नाराजगी जताई थी। वहीं, महाविकास अघाड़ी में उनकी साथी रही उद्धव शिवसेना और कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के फैसले का विरोध किया था और कोर्ट जाने की बात कही थी।
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