नई दिल्ली : दिल्ली सीमा पर एक सिख पुजारी की आत्महत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने को सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘क्रूरता की सभी हदें’ पार कर गई है और उसे तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए। राहुल ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दशा देखकर करनाल के संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली। दुख की इस घड़ी में मेरी शोक संवेदनाएं…कई किसानों ने अपने जीवन का बलिदान किया है। मोदी सरकार ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी हैं। इतना जिद्दी होना ठीक नहीं। किसान विरोधी अपने कानूनों को वापस लें।’
पुलिस ने बताया कि हरियाणा के एक गुरुद्वारे के संत बाबा राम सिंह पिछली शाम दिल्ली-सोनीपत बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में शामिल हुए थे, बाबा ने आज खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में कहा है कि किसानों के आंदोलन पर सरकार की उदासीनता और उन्हें न्याय मिलता न देख वह अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि मृतक ने कथित रूप से पंजाबी में हाथ से लिखा एक नोट भी छोड़ा है, जिसमें कहा गया है कि वह ‘किसानों का दर्द’ सहन नहीं कर पा रहा है। पुलिस नोट की जांच कर रही है सोनीपत के डिप्टी पुलिस कमिश्नर श्याल ला पूनिया ने कहा कि बाबा को तुरंत पानीपत स्थित पार्क अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषत कर दिया। संत की मौत के बाद शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि वह संत बाबा राम सिंह जी के निधन का समाचार पाकर दुखी है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की मनोदशा को सरकार समझते हुए इन कानूनों को तत्काल खत्म करे
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’ उधर, सरकार की ओर से बातचीत का नेतृत्व कर रहे केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर जारी आंदोलन सिर्फ एक राज्य तक सीमित है और पंजाब के किसानों को विपक्ष ‘गुमराह’ कर रहा है। हालांकि, उन्होंने आशा जतायी कि इस गतिरोध का जल्दी ही समाधान निकलेगा।
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