नई दिल्ली। वित्त वर्ष की पहली आरबीआई एमपीसी पॉलिसी (RBI MPC Policy) का ऐलान आज यानी 9 अप्रैल को हो जाएगा. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) पॉलिसी रेट (Policy rate) का ऐलान करेंगे. इस पॉलिसी मीटिंग की सबसे बड़ी खास बात ये है इसका ऐलान ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब पूरी दुनिया पर अमेरिकी टैरिफ (American Tariff) लगा है. जिसकी वजह से पूरी दुनिया महंगाई और मंदी की चपेट में आ सकती है. जिसकी संभावना 50 फीसदी से ज्यादा तक बताई जा रही है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या आरबीआई गवर्नर महंगाई की चिंता को देखते हुए पॉलिसी रेट को एक बार फिर से फ्रीज रखने का फैसला लेंगे. या फिर ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती करेंगे?
वैसे तो कई जानकार और एक्सपर्ट का मानना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पॉलिसी रेट में कटौती का ऐलान कर सकते हैं. ये कटौती 0.50 फीसदी की होगी. ताकि ग्रोथ में इजाफा किया जा सके. महंगाई के आंकड़े अभी खराब देखने को नहीं मिल रहे हैं. मार्च की महंगाई के आंकड़े अभी आएंगे. जोकि 4 फीसदी के आसपास रह सकते हैं. ऐसे में पॉलिसी रेट में एक कट से कोई परेशानी नहीं होगी. मुमकिन है कि जून के महीने में आरबीआई महंगाई के आंकड़ों को देखते हुए पॉलिसी कट पर ब्रेक लगा दे. वैसे पिछले वित्त वर्ष की आखिरी पॉलिसी मीटिंग में आरबीआई ने 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया था. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस मामले में देश के इकोनॉमिस्ट और जानकारों का क्या मानना है।
पॉलिसी रेट का होगा ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई में नरमी और डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ से ग्लोबल इकोनॉमी के सामने चुनौतियों के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत के बीच आरबीआई बुधवार को फिर से नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कमी करेगा. गवर्नर मल्होत्रा की अध्यक्षता में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सोमवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा को लेकर तीन दिवसीय बैठक शुरू की. उल्लेखनीय है कि एमपीसी ने फरवरी में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था. यह मई, 2020 के बाद पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था. आरबीआई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा सुबह 10:00 बजे (नौ अप्रैल को) मौद्रिक नीति लेकर एमपीसी की बैठक में लिये गये निर्णय के बारे में जानकारी देंगे।
क्या कह रहे हैं जानकार
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई अप्रैल में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा…हमें यह भी उम्मीद है कि आरबीआई अधिशेष नकदी बनाये रखने के लिए भी कदम उठाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई आर्थिक वृद्धि और महंगाई के अनुमान को कम कर सकता है. वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद जताई है. उसने कहा कि महत्वपूर्ण आंकड़ों, महंगाई में नरमी और ब्रेंट कच्चे तेल और डीएक्सवाई इंडेक्स (डॉलर सूचकांक) में तेज गिरावट के आधार पर पहली तिमाही में घरेलू गतिविधियों में नरमी ने आरबीआई के लिए राहत देने को लेकर अनुकूल माहौल बनाया है।
रियल एस्टेट को होगा फायदा
एमआरजी ग्रुप के एमडी रजत गोयल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की आगामी मॉनेटरी पॉलिसी बैठक रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अहम मोड़ साबित हो सकती है. हमें पूरी उम्मीद है कि आरबीआई इस बार भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा. उन्होंने कहा कि बीते कुछ महीनों में महंगाई में जो गिरावट आई है, वह इस कटौती को पूरी तरह जायज बनाती है. बीते कुछ समय से रियल एस्टेट के आंकड़े भी कुछ बेहतर देखने को नहीं मिले हैं. जानकारों की मानें तो रेपो रेट में कटौती होम लोन की लागत को कम करेगी और मिडिल क्लास को रियल एस्टेट की ओर जाने में मोटिवेट करेगी।
क्यों अहम है मीटिंग?
ये मीटिंग कई मायनों में काफी अहम है. खासकर तब जब ग्लोबली ट्रंप के टैरिफ की वजह से दुनिया में मंदी आने की आशंका जताई जा रही है. ट्रंप ने दुनिया के तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. भारत पर ये टैरिफ 26 फीसदी का है. जिसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम मचा हुआ है. आरबीआई की इस मीटिंग में टैरिफ और आने वाले दिनों में इसके असर को लेकर जरूर बात हुई होगी. उसी के आधार पर रेपो रेट का ऐलान होगा. जानकारों की मानें तो एशिया के बाकी देशों या यूं कहें कि पड़ोसी देशों जिसमें चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, वियतनाम जैसे भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ कम है. ऐसे में देश को कई सेक्टर्स में इस फायदा भी मिल सकता है।
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