नई दिल्ली (new Delhi)। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने वर्ष 2022 में विभिन्न नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए 180 से अधिक बैंकों (more than 180 banks) को दंडित किया है। इसके तहत 12 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना (Fines exceeding Rs 12 crore) लगाया गया है। दो साल पहले दोषी सहकारी बैंकों पर पर्यवेक्षण शक्तियां प्राप्त करने के बाद से केंद्रीय बैंक द्वारा एक वर्ष में जारी किए गए जुर्माने की यह सबसे बड़ी संख्या है।
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में, आरबीआई ने 22 सहकारी बैंकों को दंडित किया था और यह आंकड़ा 2021 में 124 बैंकों तक पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में केंद्रीय बैंक को अतिरिक्त पर्यवेक्षी शक्तियां देने के लिए केंद्र सरकार ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर लागू) में संशोधन किया। आंकड़ों के मुताबिक अकेले 19 और 12 दिसंबर को ही आरबीआई ने क्रमश: 20 और 13 सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया था।
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाल की अवधि में इस क्षेत्र ने स्वामित्व संरचना, दोषपूर्ण कॉर्पोरेट प्रशासन और धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया है। साथ ही रिजर्व बैंक और सरकार द्वारा दोहरे नियमों से उत्पन्न मुद्दों का सामना किया है, लेकिन दो साल पहले नियमों में संशोधन के बाद रिजर्व बैंक के पास इनकी निगरानी के अधिकार आ जाने से ज्यादा स्पष्टता आ गई है। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बैंकों की तुलना भारत में विदेशी वित्तीय कंपनियों पर पिछले साल केवल चार बार ₹4.25 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved