कानपुर। रिजर्व बैंक (reserve Bank) ने फिटनेस जांच (fitness test) अनिवार्य करते हुए नोटों की सेहत (health of notes) के 11 मानक तय (11 standards set) किए हैं। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे नोट सार्टिंग मशीनों की जगह नोट फिटनेस सार्टिंग मशीनें इस्तेमाल करें। जो इन मानकों पर नोटों की फिटनेस परखेंगी। इस जांच में डॉग इयर्स करेंसी (मुड़े कोनों वाले नोट), कई परतों में मुड़े हुए, बदरंग और टेप या गोंद से चिपके नोट भी अनफिट मानकर प्रचलन से बाहर कर दिए जाएंगे। यह निर्देश रिजर्व बैंक के चीफ जनरल मैनेजर संजीव प्रकाश ने शुक्रवार को जारी किए हैं।
अब तक नोट सार्टिंग मशीनें असली-नकली और बेहद जर्जर के पैमानों पर ही नोट छांटती हैं। नए निर्देश में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद दस रुपए और उससे ज्यादा मूल्य के सभी नोट बदले जा चुके हैं। अब नोटों की छंटाई करने वाली मशीनों को भी बदलने की जरूरत है। नोट फिटनेस सार्टिंग मशीनें नोटों की सेहत की बेहतर जांच करेंगी। 11 में से किसी एक मानक पर नोट फिट न हुए तो मशीनें उन्हें रिजेक्ट कर देंगी। अनफिट नोट के स्थान पर बैंक उपभोक्ता को दूसरा सेहतमंद नोट देंगे।
हर तीन महीने में देनी होगी रिपोर्ट
बैंक हर तीन महीने में रिजर्व बैंक को फिटनेस रिपोर्ट भेजेंगे। उन्हें बताना होगा कि इन तीन महीनों में किस मूल्य के कितने नोट किस मानक पर अनफिट पाए गए। इनमें से कितने नोटों को उचित रखरखाव के बाद दोबारा जारी किया सकता है।
फिटनेस टेस्ट में फेल होंगे ऐसे नोट
– मुड़े कोनों वाले नोट (डॉग इयर्स करेंसी)
– कई परतों में मुड़े हुए नोट
– मोड़ने से आकार विकृत नोट
– धुलने से बदरंग हुए नोट
– टेप, कागज या गोंद से चिपकाए हुए नोट
– दोनों ओर पूरी तरह गंदे नोट
– पहचान चिन्हों में विकृति वाले नोट
– जरा भी फटे हुए नोट
– छेद वाले नोट
– दाग वाले नोट
– चित्रकारी वाले नोट
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