नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्राहक सुरक्षा के उपायों को मजबूत करने के तहत एक ‘फ्रॉड रजिस्ट्री’ (fraud registrar) की स्थापना करने पर विचार कर रहा है। इसकी मदद से धोखाधड़ी (fraud registrar) वाली वेबसाइट, फोन नंबर और विभिन्न तरीकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।
इस संबंध में आरबीआई (RBI) के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि इस डाटाबैंक से जालसाज दोबारा धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे क्योंकि इन वेबसाइट या फोन नंबरों को ब्लॉक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय हम भुगतान, निपटान व पर्यवेक्षण जैसे आरबीआई के विभिन्न विभागों सहित सभी हितधारकों से बात कर रहे हैं। भुगतान प्रणाली के प्रतिभागियों को इस डाटाबेस तक सीधी पहुंच दी जाएगी। हालांकि, फ्रॉड रजिस्ट्री’ की स्थापना के लिए कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं है।
शर्मा ने कहा, मूल निवेश कंपनी के ग्राहक केंद्रीय बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस), 2021 के तहत आएंगे। लोकपाल योजना के तहत दर्ज शिकायतों को साझा करते हुए उन्होंने कहा, 2021-22 के दौरान 4.18 लाख शिकायतें मिलीं। इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल 3.82 लाख शिकायतें मिली थीं। उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष की शिकायतों में 97.9 फीसदी मामलों का निपटारा किया गया है।
आपको बता दें कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र का राष्ट्रीय आय में सिर्फ 20 फीसदी योगदान है, लेकिन कुल वेतन में यह क्षेत्र 40 फीसदी योगदान देता है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा, 2020-21 में खत्म होने वाले दशक के दौरान सकल मूल्यवर्धन में सार्वजनिक क्षेत्र की औसत हिस्सेदारी 19.2% रही, लेकिन वेतन में हिस्सेदारी 39.2 फीसदी थी। 2012-21 में मौजूदा कीमतों पर मजदूरी 10.4 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी।