मुंबई: आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों को जस का तस रख सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटि यानी एमपीसी (MPC) की इस हफ्ते होने वाली बैठक में ब्याज दरों कोई बदलाव होने की संभावना नहीं दिख रही है. इसकी वजह कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के कारण दुनियाभर के बाजारों में अचानक फैली अनिश्चतता है.
6 दिसंबर को शुरू होगी एमपीसी की बैठक
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली एमपीसी की 6-8 दिसंबर को बैठक होने वाली है जिसमें मौद्रिक स्थिति की समीक्षा की जाएगी. इसमें लिए जाने वाले फैसलों की जानकारी 8 दिसंबर को दी जाएगी. केंद्रीय बैंक ने गत अक्टूबर में भी नीतिगत दरों को यथावत रखा था.
एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, एमपीसी की बैठक में रिवर्स रेपो रेट में वृद्धि का फैसला होने की चर्चा अभी अपरिपक्व है. इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट बढ़ाने जैसा कदम आरबीआई सिर्फ एमपीसी में ही नहीं लेना चाहेगा.
कोटक इकनॉमिक रिसर्च की एक रिपोर्ट कहती है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर फैली अनिश्चितता के बीच रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में बदलाव का फैसला करने से पहले शायद स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार करेगा. हालांकि, इसने फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक समीक्षा में रिवर्स रेपो रेट में वृद्धि का अपना अनुमान बरकरार रखा है.
होम लोन होंगे सस्ते
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी एनारॉक (Anarock) ने भी कहा है कि आरबीआई रिवर्स रेपो रेट में वृद्धि का फैसला मौजूदा हालात में शायद न करे. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ”ऐसी स्थिति में घर खरीदारों को सस्ती दरों पर होम लोन मिलना कुछ औऱ समय तक जारी रहेगा.”
लगातार 8 MPC ने ब्याज दर में नहीं किया कोई बदलाव
अगर रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत ब्याज दरें अपरिवर्तित रखता है तो यह लगातार नौंवां मौका होगा जब दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार दरों में बदलाव 22 मई, 2020 को किया था. केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर चार फीसदी पर बनी रहे जिसमें दो फीसदी उतार-चढ़ाव की गुंजाइश है.
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