मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25 से 0.35 फीसदी बढ़ोतरी सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए आरबीआई आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Policy Meet) में रेपो रेट बढ़ा सकता है. केंद्रीय बैंक (Central bank) पहले ही अपने नरम मौद्रिक रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा कर चुका है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी (Monetary Policy Committee) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक 3 अगस्त से शुरू हो रही है. बैठक के नतीजों की घोषणा 5 अगस्त को होगी.
मई और जून में रेपो रेट में क्रमश: 0.40 फीसदी और 0.50 फीसदी की हुई थी बढ़ोतरी
खुदरा मुद्रास्फीति 6 माह से रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. ऐसे में रिजर्व बैंक ने मई और जून में रेपो रेट में क्रमश: 0.40 फीसदी और 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर को कम से कम महामारी-पूर्व के स्तर पर ले जाएगा. आगामी महीनों में इसमें और वृद्धि होगी.
RBI अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करेगी
बोफा ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि एमपीसी 5 अगस्त को रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी. साथ ही वह अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करेगी.’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि रेपो रेट में आक्रामक 0.50 फीसदी या कुछ नरम 0.25 फीसदी की वृद्धि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
ब्याज दरों में तय समय से पहले अधिक वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व ने कैलेंडर साल 2022 में ब्याज दरों में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इससे ऐसी संभावना बन रही है कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में तय समय से पहले अधिक वृद्धि कर सकता है. रिपोर्ट कहती है, ‘‘हालांकि भारत में परिस्थितियों को देखते हुए अभी आक्रामक रुख की जरूरत नहीं है.’’
आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं
हाउसिंग.कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका सहित दुनिया के अन्य देशों के बैंकिंग नियामक आक्रामक तरीक से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. लेकिन भारत में स्थिति ऐसी नहीं है. यहां आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.20 से 0.25 फीसदी की वृद्धि करेगा.
डीबीएस ग्रुप रिसर्च की कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने एक रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति अगली दो तिमाहियों में मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेगी. ऐसे में हमारा मानना है कि अगस्त में एमपीसी रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि करेगी. भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत रुख तय करते समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है. खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। जून में यह 7.01 प्रतिशत के स्तर पर थी.
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