नई दिल्ली। जीडीपी में सुस्ती और महंगाई दरों में राहत के बाद भारतीय रिजर्व बैंक 2023 के अगस्त महीने से ब्याज दरें घटाने की शुरुआत कर सकता है। नोमुरा होल्डिंग्स ने शुक्रवार को अपने एक नोट में यह बात कही है। सोनल वर्मा के नेतृत्व वाले नोमुरा के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि वर्ष 2023 में वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण विकास दर महज 4.5% तक रह सकती है। ऐसे में वर्ष की दूसरी छमाही में केद्रीय बैंक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती कर सकता है।
नोमुरा का मानना है कि भारत के मौद्रिक नीति निर्धारक फरवरी महीने में ही ब्याज दरों को 25 बेसिस प्वाइंट तक घटा सकते हैं। ऐसे में केंद्रीय बैंक वर्ष 2011 के बाद से सबसे कड़े मौद्रिक रुख वाले वर्ष के बाद राहत की पहल करेगा। बता दें कि बीते वर्ष रिजर्व बैंक ने मई महीने से लगातार पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हुए इसे 6.25 प्रतिशत तक पहुंचा दिया था।
महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक की ओर से की गई यह ब्याज वृद्धि पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। नोमुरा पहली वैश्विक एजेंसी है जिसने वर्ष 2023 में रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती का अनुमान लगाया है। नोमुरा के अनुसार रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करते हुए इस वर्ष इसे 5.75 प्रतिशत तक ले जा सकता है। गोल्डमैन सैक्स ने इससे पहले वर्ष 2023 में केंद्रीय बैंक की ओर से अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान जताया था।
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