नई दिल्ली/मुंबई। कोविड-19 (Covid19) की दूसरी लहर बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने राहत के कई बड़े ऐलान किए हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बुधवार को यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेज (Emergency Health Services) के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की लिक्विडिटी के प्रावधान सहित कई घोषणाएं किए।
शक्तिकांत दास ने कोरोना से जुड़े हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की ऑन-टैप विंडो (On-tap window) शुरू करने की घोषणा किया, जिसके तहत 50 हजार करोड़ रुपये 3 साल तक की अवधि के लिए रेपो रेट पर उपलब्ध होंगे। ये स्कीम 31 मार्च, 2022 तक चलेगी।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सिस्टम में नकदी दुरुस्त करने के लिए रिजर्व बैंक अगले पंद्रह दिन में 35 हजार करोड़ की सरकारी प्रतिभूति की खरीद करेगा। उन्होंने कहा कि बैंकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कमजोर क्षेत्रों को कर्ज दें। इसके साथ ही बैंक अपने बही खाते में एक कोविड लोन बुक बनाएंगे।
दास ने वीडियो केवाईसी (KYC) को लेकर अलग-अलग कैटेगरी के लिए नियमों की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने व्यक्तिगत, छोटे कर्जदारों के लिए लोन रीस्ट्रक्चरिंग की दूसरी विंडो खोली है। इसके तहत जिन्होंने पहले ये सुविधा नहीं ली थी और उनका लोन 25 करोड़ रुपये तक का है। वह इस बार लोन रीस्ट्रक्चरिंग की सुविधा ले सकते हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों को ओवरड्राफ्ट सुविधा लेने के लिए ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी को भी 30 सितम्बर तक के लिए बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने फैसला किया है कि वह 20 मई को 35 हजार करोड़ रुपये की दूसरी गवर्नमेंट सेक्योरिटीज (g-sec) की खरीदारी G-SAP 1.0 के तहत करेगा।
इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्राथमिकता वाले सेक्टरों के लिए जल्द ही लोन और इंसेंटिव का प्रावधान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मॉल फाइनेंस बैंक को विशेष छूट दी गई हैं। दास ने कहा कि SFBs के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का TLTRO लाया जाएगा। इनके लिए 10 लाख प्रति Borrower की सीमा होगी। ये स्कीम 31 मार्च 2022 तक चलेगी।
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