मुंबई। RBI ने बुधवार को कहा कि जल्द ही UPI सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। अब ग्राहक इसके जरिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग या होटल बुकिंग के अलावा सिक्योरिटी में निवेश और वस्तुओं या सेवाओं की डिलीवरी की ऑन डिमांड पेमेंट भी कर सकते हैं। आरबीआई ने कहा है कि भुगतान में सहायता के लिए यूपीआई प्लेटफॉर्म में एक सुविधा जोड़ी जाएगी।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म पर ‘सिंगल-ब्लॉक-एंड-मल्टीपल डेबिट्स’ फीचर के माध्यम से ग्राहकों को इस तरह के लेन-देन करते समय अधिक भरोसा होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात का एलान करते हुए कहा कि यूपीआई में सिंगल-ब्लॉक-एंड-मल्टीपल-डेबिट कैपेसिटी शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह ई-कॉमर्स स्पेस में भुगतान को आसान बनाएगा। इससे प्रतिभूतियों में निवेश करने में आसानी होगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि नए फीचर के तहत ग्राहक अपने बैंक खाते में धनराशि को रोक कर किसी व्यापारी के लिए पेमेंट आर्डर को शेड्यूल कर सकेंगे। जब भी जरूरत हो, इसे डेबिट किया जा सकता है। गवर्नर ने कहा कि इस तरह की सुविधा से लेन-देन विश्वसनीयता बढ़ेगी, क्योंकि व्यापारियों को समय पर भुगतान का आश्वासन दिया जाएगा, जबकि माल या सेवाओं की वास्तविक डिलीवरी तक पैसा ग्राहक के खाते में बना रहेगा।
गवर्नर ने कहा कि यह सुविधा आरबीआई की प्रत्यक्ष खुदरा योजना का उपयोग करके सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद में भी सहायक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को अलग से निर्देश जारी किया जाएगा।
भारत बिल भुगतान प्रणाली में भी होगा बदलाव
दास ने सभी भुगतान और संग्रह को एक साथ शामिल करने के लिए भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) के दायरे में विस्तार की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत बिल पेमेंट सिस्टम का विस्तार यूं तो कई क्षेत्रों में है लेकिन इसमें संस्थाओं या व्यक्तियों के समूह के बिल को प्रोसेस करने की सुविधा नहीं है। इस कारण सेवा शुल्क भुगतान, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान और रेंट कलेक्शन इसके दायरे से बाहर है।
दास ने कहा कि नई प्रणाली के आने से बीबीपीएस प्लेटफॉर्म को व्यक्तियों और व्यवसायों के व्यापक समूह के लिए सुलभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड (NBBL) को अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
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