नई दिल्ली (New Delhi)। बीते कुछ समय से सहकारी बैंकों (Co-operative banks) पर केंद्रीय रिजर्व बैंक (Central Reserve Bank.- RBI) की सख्ती बढ़ने लगी है। कुछ सहकारी बैंकों (Co-operative banks) पर जुर्माना लगाया गया तो कई बैंकों के लाइसेंस रद्द (Banks’ licenses cancelled) किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में बीते 4 जुलाई 2024 को RBI ने बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक (Banaras Mercantile Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द किया है। इसी के साथ साल 2024 में आरबीआई ने अब तक 7 सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द किए हैं।
2024 में कौन से बैंक पर एक्शन
हाल ही में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने मुंबई के सिटी को-ऑपरेटिव बैंक और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पूर्वांचल सहकारी बैंक के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। इसके अलावा सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जय प्रकाश नारायण नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, श्री महालक्ष्मी मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और हिरियुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं।
अब बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक, वाराणसी की बिगड़ती वित्तीय स्थिति के मद्देनजर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.98 प्रतिशत जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
बैंकों की देखरेख कौन करता है
भारत में सहकारी बैंक, राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हैं। वहीं, आरबीआई द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और बैंकिंग कानून (सहकारी सोसायटी) अधिनियम, 1955 के तहत विनियमित हैं। वे 1966 से आरबीआई की निगरानी में हैं।
RBI लाइसेंस क्यों रद्द करता है?
दरअसल, जिन सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द हुए हैं उनके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी। ये बैंक पर्याप्त पैसा नहीं कमा रहे थे। ये सभी जमाकर्ताओं को वापस भुगतान की गारंटी नहीं दे सकते। बैंकों को कारोबार जारी रखने की अनुमति देने से नुकसान होने की आशंका है। इसलिए आरबीआई ने पैसे की सुरक्षा के लिए सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द किया है।
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