मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने धोखाधड़ी के बारे में उसे बताने में देरी के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर आर्थिक जुर्माना ‘भारतीय रिजर्व बैंक (धोखाधड़ी – वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा वर्गीकरण और सूचित करना) दिशानिर्देश 2016’ के कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते लगाया गया।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘आरबीआई को धोखाधड़ी के बारे में बताने में देरी के लिए जुर्माना लगाया गया है, जिसका पता 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 को बैंक के सांविधिक निरीक्षण के दौरान चला।’’ इससे पहले स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को एक नोटिस जारी कर पूछा गया कि उन पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि अतिरिक्त या गलत तरीके से जारी की गई पेंशन की वसूली से संबंधित नियमों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और उसने इससे संबंधित अपने तीन परिपत्रों को वापस ले लिया गया है।
आरबीआई ने बैंकों से कहा कि वे पेंशनभोगियों को जारी की गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली के लिए पेंशन की मंजूरी देने वाले प्राधिकरण से मार्गदर्शन लें। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘आरबीआई के संज्ञान में आया है कि पेंशनभोगियों को अतिरिक्त/ गलत पेंशन भुगतान की वसूली इस तरह की जा रही है, जो मौजूदा दिशानिर्देशों/ अदालती आदेशों के अनुसार नहीं है।’’
मामले की जांच करने के बाद आरबीआई ने अपने सरकार और बैंक खातों के विभाग द्वारा 1991 और 2016 में जारी तीन अधिसूचनाओं को गुरुवार को वापस ले लिया। अब किसी अतिरिक्त पेंशन की वसूली के लिए 2009 और 2015 में जारी परिपत्रों में दिए गए दिशानिर्देशों से बैंक निर्देशित होंगे।
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