मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नियमों का उल्लंघन करने पर तीन सहकारी बैंकों (Cooperative Banks) पर 23 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है. RBI ने इसके पहले भी कई बैंकों पर पेनल्टी और प्रतिबंध लगाए हैं
3 को-ऑपरेटिव बैंकों पर जुर्माना
जिन तीन बैंकों पर रिजर्व बैंक ने जुर्माना लगाया है इनमें मोगावीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Mogaveera Co-operative Bank), इंदापुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक (Indapur Urban Cooperative Bank) और बारामती सहकारी बैंक लिमिटेड (Baramati Sahakari Bank) शामिल हैं. मोगावीरा पर सबसे ज्यादा 12 लाख रुपये का जुर्माना लगा है, इसके बाद 10 लाख रुपये इंदापुर अर्बन को-ऑपरेटिव और बाकी 1 लाख का जुर्माना बारामती सहकारी बैंक पर लगा है.
मोगवीरा सहकारी बैंक ने किया नियमों का उल्लंघन
मोगवीरा सहकारी बैंक को लेकर रिजर्व बैंक ने कहा है कि 31 मार्च, 2019 को अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि उसने Depositor Education and Awareness (DEA) फंड में पूरी तरह से दावा न किए गए जमा को ट्रांसफर नहीं किया था और न ही निष्क्रिय खातों का सालाना रिव्यू किया था. इसके अलावा इस बैंक ने खातों की रिस्क कैटेगरी का समय-समय पर रिव्यू करने की भी कोई व्यवस्था नहीं की थी.
इंदापुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में कमियां
पुणे के इंदापुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को लेकर रिजर्व बैंक का कहना है कि इस बैंक की जांच रिपोर्ट से पता चला कि 31 मार्च 2019 तक बैंक ने अनसिक्योर्ड एडवांस की कुल सीलिंग का पालन नहीं किया था और न ही बैंक ने सभी खातों की रिस्क कैटेगरी की समय-समय पर रिव्यू करने का भी कोई इंतजाम नहीं किया था. बैंक के पास एक मजबूत सिस्टम भी नहीं था, जिससे ग्राहक की रिस्क कैटेगरी के साथ जब भी असंगत लेन-देन हो तो अलर्ट जेनरेट हो जाए.
बारामती सहकारी बैंक ने भी तोड़े नियम
जबकि, बारामती सहकारी बैंक पर जुर्माना किसी अन्य बैंक से किए गए लेन-देन में प्रूडेंशियल इंटर-बैंक एक्सपोजर लिमिट के उल्लंघन पर लगाया गया. RBI ने कहा है कि इन तीनों सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाने का फैसला रेगुलेटरी कंप्लायंस यानी में कमी पाए जाने की वजह से लगाया गया है.
ग्राहकों पर फर्क नहीं
RBI ने साफ किया है कि हर मामले में, रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों के कारण जुर्माना लगाया गया है, और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर रोक लगाने को लेकर कोई फैसला नहीं दिया है.
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