नई दिल्ली (New Delhi)। किसानों (farmers) और छोटे व्यवसायियों (Small businessmen) को कर्ज मिलने में होने वाली दिक्कतें अब दूर होने वाली हैं. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने इसके लिए नई योजना तैयार की है. आरबीआई (RBI) किसानों और एमएसएमई (farmers and MSMEs Credit Platform) के कर्ज के लिए एक यूपीआई जैसा प्लेटफॉर्म (platform like UPI) लाने के बारे में सोच रहा है।
किसानों और एमएसएमई को होती है दिक्कत
यह प्रस्तावित क्रेडिट डिस्बर्सल प्लेटफॉर्म उसी तरह से काम करेगा, जैसे डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआई काम करता है. इससे किसानों और एमएसएई के लिए लोन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी. आरबीआई का मानना है कि डिजिटल इंटरफेस के जरिए कंज्यूमर लोन अब आम है, लेकिन अभी भी किसानों और छोटे व्यवसासियों को कर्ज लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
चुटकियों में संभव होगा कर्ज मिलना
बकौल आरबीआई, प्रस्तावित क्रेडिट प्लेटफॉर्म किसानों और एमएसएमई के लिए कर्ज के प्रोसेस को आसान बना देगा. अभी किसानों को कृषि लोन या किसान क्रेडिट कार्ड लेने के लिए बैंकों के साथ जमीन के रिकॉर्ड रखने वाले विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं. प्रस्तावित प्लेटफॉर्म से ये सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी और चुटकियों में कर्ज मिलना संभव होगा।
इस प्लेटफॉर्म से बन सकता है काम
यह काम पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फोर फाइनेंशियल क्रेडिट यानी पीटीपीएफसी के जरिए संभव हो सकता है. यह प्लेटफॉर्म अभी एग्री लोन, किसान क्रेडिट कार्ड, छोटे एमएसएमई लोन जैसे प्रोडक्ट पर काम कर रहा है. इस प्लेटफॉर्म के साथ कर्ज देने वाले बैंक व वित्तीय संस्थानों तथा स्टार्टअप को जोड़ा जा सकता है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए अब तक करीब 3,500 करोड़ रुपये के एग्री व एमएसएमई लोन बांटे जा चुके हैं।
पीपीआई से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भुगतान
रिजर्व बैंक ने इसके अलावा पीपीआई यानी प्रीपेड पेमेंट इंटस्ट्रूमेंट्स को लेकर भी एक बदलाव किया है. सेंट्रल बैंक के अनुसार, अब बैंकों और गैर-बैंकिग संस्थानों के द्वारा जारी पीपआई से पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए भुगतान किया जा सकता है. रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में बताया कि सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बैंकों व गैर-बैंकिंग संस्थानों को विभिन्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में भुगतान के लिए पीपीआई लाने की इजाजत देने का निर्णय लिया गया है।
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