मुंबई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय बैंकों से घरेलू व विदेशी दोनों स्तरों पर रुपया डेरिवेटिव बाजार में भागीदारी बढ़ाने की अपील की है। डेरिवेटिव बाजारों में घरेलू बैंकों की भागीदारी सिर्फ सक्रिय बाजार निर्माताओं के एक छोटे समूह के साथ सीमित है। साथ ही, वैश्विक बाजारों में भारतीय बैंकों की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन यह काफी कम है।
दास ने सोमवार को बार्सिलोना में एक कार्यक्रम में कहा, घरेलू बैंक निचले स्तर के ग्राहकों के बजाय वैश्विक स्तर पर बाजार-निर्माताओं के साथ काम कर रहे हैं। बेशक, बैंकों को उचित परिश्रम करने, जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करने और फिर इस दिशा में सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है। हमारा ध्यान विवेकपूर्ण रहते हुए घरेलू और विदेशी दोनों बाजारों में रुपया डेरिवेटिव्स के लिए भारतीय कंपनियों की भागीदारी को बढ़ाने पर होना चाहिए।
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