दावोस (Davos)। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) (World Economic Forum (WEF)) में एक सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर (Reserve Bank of India (RBI) Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि भारत की विकास संभावनाएं (India’s development prospects) बहुत अच्छी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न झटकों और संकटों के बावजूद भारत के बैंकिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार (Significant improvement in banking sector) आया है।
उन्होंने कहा कि भारत और उसके व्यापक आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी भरोसा है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमें वास्तव में भारत में व्यापार के अवसरों पर गौर करने की जरूरत है, क्योंकि यह भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र में निर्माण करने का सही समय है। दास ने कहा कि वैश्विक विकास धीमा होने के बावजूद भारत का सर्विस सेक्टर प्रगति कर रहा है।
दास ने भारत की आर्थिक स्थिति के पीछे सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों तथा एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) की नियामक ढांचे का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि ये भारत के आर्थिक विकास की गति में विश्वास के लिए आधार प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने अपनी निगरानी में काफी सुधार किया है। हमारा दूरंदेशी दृष्टिकोण किसी संकट या संभावित जोखिम की पहचान करना है। ताकि हम किसी भी जोखिम को बढ़ने से रोकने के लिए उचित उपाय कर सकें।
मुद्रास्फीति को चार फीसदी के लक्ष्य तक लाने के लिए प्रतिबद्ध…
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति (महंगाई) कम हो रही है और लगातार आरबीआई के चार फीसदी लक्ष्य के करीब पहुंच रही है। साथ ही विकास संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति नियंत्रण में आ गई है और हमारे पैमाने के भीतर है, जो दो फीसदी से छह फीसदी है। उन्होंने आगे कहा, मुख्य मुद्रास्फीति लगातार कम हो रही है। इससे पता चलता है कि मौद्रिक नीति काम कर रही है। आरबीआई मुद्रास्फीति को चार फीसदी के लक्ष्य तक लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
क्रिप्टोकरेंसी में बड़े जोखिम
दास ने आने वाले वर्षों में निरंतर विकास के संकेत दिए और कहा कि भारत की आर्थिक विकास संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत में विनिमय दर की अस्थिरता में कमी से अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास फिर से बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आरबीआई प्रमुख ने कहा कि इसमें बड़े जोखिम हैं। उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक काल्पनिक है। मेरी राय और आरबीआई की राय है कि इसके चारों ओर बड़े जोखिमों को देखते हुए भारत जैसे देशों को बहुत सावधान रहना चाहिए।
जनवरी महीने की शुरुआत में, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी।
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