नई दिल्ली। क्रिसिल रिसर्च के फाइनेंशियल कंडिशन इंडेक्स के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साहसिक फैसलों से देश की वित्तीय स्थिति में कोविड-19 के चलते आई गिरावट में तेजी से सुधार हुआ है। आरबीआई के कदमों से अर्थव्यवस्था पर बना अंशकालिक तनाव घटाने में मदद मिली।
क्रिसिल द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने देश की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट देने के लिए दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ कदमताल किया है। उसके उठाए गए कदमों से कोविड-19 के चलते हुए व्यापक आर्थिक नुकसान की भरपाई हो गई है। क्रिसिल के मुताबिक देश की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में इस साल पॉलिसी रेट में हुई कटौती, बाजारों में ज्यादा नकदी और निवेश, विदेशी मुद्रा के बढ़े प्रवाह और अनुकूल वैश्विक स्थितियों का अहम रोल रहा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अक्टूबर 2020 की शुरुआत में कहा था कि आरबीआई नकदी तक मार्केट पार्टिसिपेंट्स की पहुंच और वित्तीय स्थितियों को आसान बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है।
आरबीआई मार्च से अब तक रेपो रेट को 115 बेसिस प्वाइंट और रिवर्स रेपो को 155 बेसिस प्वाइंट घटा चुका है (100 बेसिस प्वाइंट 1 पर्सेंटेज प्वाइंट के बराबर होता है)। उसने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितम्बर) तक नेट बेसिस पर 1.9 लाख करोड़ रुपये की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज भी खरीदी। गत वर्ष की समान अवधि के दौरान आरबीआई ने 0.9 लाख करोड़ रुपये की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज खरीदी थी।
क्रिसिल के मुताबिक आरबीआई के इन उपायों से मनी मार्केट और डेट मार्केट के इंटरेस्ट रेट में कमी आई है। इसका असर कुछ हद तक बैंकों की ब्याज दरों में भी गिरावट के तौर पर देखने को मिला है।
उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ इंडिया लिमिटेड (क्रिसिल) एक भारतीय विश्लेषणात्मक कंपनी है, जो रेटिंग, अनुसंधान और जोखिम और नीति सलाहकार सेवाएं प्रदान करती है और यह अमेरिकी कंपनी एसएंडपी ग्लोबल की सहायक कंपनी है। यह भारत की पहली क्रेडिट रेटिंग एजेंसी थी, जिसे 1988 में आईसीआईसीआई और यूटीआई ने एसबीआई, एलआईली और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से आने वाली शेयर पूंजी के साथ संयुक्त रूप से पेश किया था। अप्रैल 2005 में यूएस आधारित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कंपनी के बहुमत शेयरों (51 प्रतिशत) का अधिग्रहण किया था। (एजेंसी, हि.स.)
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