नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के एक सहकारी बैंक पर रकम निकासी समेत कई अन्य पाबंदियां लगा दी हैं. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, कोल्हापुर स्थित महशंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड गंभीर वित्तीय स्थिति में है. यह कामकाज करने की स्थिति में नहीं है. आरबीआई के फैसले के बाद इस बैंक के अकाउंट होल्डर्स फिलहाल पैसे नहीं निकाल पाएंगे. हालांकि बैंक के 99.88 फीसदी जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी डीआईसीजीसी (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) बीमा योजना के दायरे में हैं. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा होता है.
केंद्रीय बैंक ने बताया है कि शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक पर यह पाबंदी 13 मई, 2022 को कारोबार बंद होने से 6 महीने की अवधि के लिए लागू की गई है. इस दौरान बैंक के कामकाज की समीक्षा होती रहेगी. आरबीआई के अनुसार बैंक में फिलहाल मौजूद धन यानी लिक्विडिटी को ध्यान में रखते हुए सभी बचत, चालू या अन्य खातों में जमा रकम से जमाकर्ताओं को रकम निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. हालांकि, शर्तों के अनुसार जमा के खिलाफ लोन की वसूली की जा सकती है.
केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि उसके इस कदम को बैंक का लाइसेंस रद्द करना नहीं माना जाना चाहिए. रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना यह बैंक किसी भी लोन और ग्रांट को रिन्यू नहीं कर सकता है. इसके अलावा कोई निवेश भी नहीं कर सकता है और न ही कोई लायबिलिटी ले सकता है. प्रतिबंधों के बीच बैंक अपनी किसी संपत्ति को बेच भी नहीं सकता है.
क्या है डीआईसीजीसी?
वैसे आपको बता दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि का इंश्योरेंस होता है. इस वजह से बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में कस्टमर्स को इतनी डिपॉजिट रकम राशि डूबने का खतरा नहीं रहता है. डीआईसीजीसी, रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी है, जो बैंक जमा पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है.
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