नई दिल्ली। भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) ने बैंकों और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने नए मास्टरकार्ड (Mastercard) जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। आरबीआई का यह फैसला 22 जुलाई से लागू होगा।
बता दें कि भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) लगातार विदेशी फिनटेक और फाइनेंस कंपनियों पर नियमों के पालन को लेकर सख्त कड़े कानून बनाए हुए है। इसमें भी सबसे अहम डेटा स्टोरेज से जुड़े नियम हैं और इसमें कोताही का खामियाजा अब मास्टरकार्ड को भुगतना पड़ा है।
भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) ने अपने आदेश में कहा नियमों के पालन के लिए पर्याप्त अवसर और समय दिए जाने के बावजूद Mastercard ने डेटा स्टोरेज के नियमों का पालन नहीं किया।
विदित हो कि पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां विशेषकर ग्लोबल कंपनियां डेटा को भारत में स्टोर नहीं करती है, बल्कि इसे अपने विदेशों में बने सेंट्रलाइज्ड डेटा स्टोरेज सिस्टम में रखती हैं. लेकिन डेटा के साथ जुड़े कस्टमर की प्राइवेसी और प्राइवेसी रिस्क को देखते हुए RBI ऐसी कंपनियों को भारत में ही डेटा स्टोर करने की सख्त हिदायत पहले भी दे चुका है।
Reserve Bank of India takes supervisory action on Mastercard Asia / Pacific Pte. Ltd.https://t.co/Awx9t2Ssdt
— ReserveBankOfIndia (@RBI) July 14, 2021
भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) ने 6 अप्रैल 2018 को पेमेंट सेवाएं देने वाली सभी कंपनियों, फिनटेक के लिए डेटा स्टोरेज से जुड़े नियम जारी किए थे। नियमों के हिसाब से सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को पेमेंट ट्रांजेक्शन की एंड-2-एंड डिटेल, सभी एकत्रित जानकारी, ग्राहकों का डेटा इत्यादि आंकड़ों का स्टोरेज सिर्फ भारत में करना था। इसके लिए कंपनियों का 6 महीने का वक्त भी दिया गया था। इन नियमों का पालन Mastercard, American Express और Visa जैसी कार्ड कंपनियों के साथ-साथ GPay, Amazon Pay, Phone-Pe जैसी फिनटेक कंपनियों को भी करना था।
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