नई दिल्ली. भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्नन अश्विन (Ravichandran Ashwin) बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं. ये टेस्ट क्रिकेट में उनके आंकड़े बताते हैं. अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 200 बार बाएं हाथ के बल्लेबाजों को आउट किया. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ इस साल फरवरी में हुए चेन्नई टेस्ट में स्टुअर्ट ब्रॉड को आउट कर ये उपलब्धि हासिल की थी. वो 143 साल के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज हैं. अब अश्विन ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अपनी सफलता का राज खोला है.
अश्विन ने स्पोर्ट्स स्टार को इंटरव्यू में खुलासा किया कि वो क्यों बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ इतने सफल हैं. इस ऑफ स्पिनर ने बताया कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि वो बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ लगातार लाइन और लेंथ बदलने के साथ अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल करते हैं. उनकी कोशिश रहती है कि बल्लेबाज को दोनों तरफ गेंद डालें. ताकि बल्लेबाज पर लगातार दबाव बना रहे.
उन्होंने आगे कहा कि मेरी कोशिश एंगल बदलकर गेंदबाजी करने की रहती है. कभी मैं ओवर द विकेट, तो कभी राउंड द विकेट गेंदबाजी करता हूं. ऐसे में गेंद बल्ले का किनारा लेकर या तो विकेट की तरह जाती है या स्लिप, शॉर्ट लेग और सिली पॉइंट के फील्डर तक पहुंच जाती है. ऐसे में विकेट लेने की संभावना हमेशा बनी रहती है और बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने हमेशा चुनौती बनी रहती है.
अश्विन विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी असरदार साबित हो सकते हैं. क्योंकि केन विलियमसन की अगुवाई वाली कीवी टीम में टॉम लैथम, डेवोन कॉनवे और हेनरी निकोल्स जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. इसमें कॉनवे तो शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ हाल में ही लॉर्ड्स टेस्ट में दोहरा शतक ठोका था और दूसरे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 80 रन बनाए थे. ऐसे में कॉनवे को रोकने के लिए अश्विन टीम इंडिया का सबसे बड़ा हथियार हो सकते हैं.
डब्ल्यूटीसी के फाइनल से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट खेलने का क्या न्यूजीलैंड को फायदा मिलेगा? इस पर अश्विन ने कहा कि इसमें किसी को शक नहीं कि न्यूजीलैंड टीम शानदार है. लेकिन हम भी अच्छी क्रिकेट खेलकर ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचे हैं. कीवी टीम में कई शानदार खिलाड़ी हैं. फाइनल से पहले दो टेस्ट खेलने के कारण कीवी टीम की तैयारी अच्छी है. हमें भी कंडीशंस से तालमेल बैठाना होगा और अपने अनुभव का इस्तेमाल कर खुद को खिताबी मुकाबले के लिए तैयार करना होगा. भारत और न्यूजीलैंड के बीच साउथम्प्टन में 18 से 22 जून तक विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेला जाएगा.
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