नई दिल्ली. भारतीय पहलवान रवि दहिया (Ravi Dahiya) ने सेमीफाइनल (57 किलो) में कजाकिस्तान के सनायेव नूरिस्लाम को हरा दिया है. दहिया ने सेमीफाइनल में जीत हासिल करके अपना सिल्वर मेडल पक्का किया जबकि भारत को टोक्यो ओलंपिक में चौथा पदक दिलाया. सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले दहिया दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं.
हालांकि फाइनल में गोल्ड जीत उनके पास मेडल का रंग बदलने का मौका है. दहिया से पहले भारत के लिए रेसलिंग में सुशील कुमार (2008, 2012), योगेश्वर दत्त (2012) और साक्षी मलिक (2016) पदक जीत चुके हैं. सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक 2012 में सिल्वर मेडल जीता था. जबकि साक्षी और योगेश्वर के नाम कांस्य पदक है.
पहले दो मुकाबले में दिखा दहिया का दबदबा
इससे पहले रवि दहिया ने दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते. दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14 . 4 से हराया. चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने टिगरेरोस उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी उसके दायें पैर पर हमला किया.
पहले पीरियड में ‘टेक-डाउन’ से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा. गत एशियाई चैंपियन दाहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड का समय और बचा था. भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई.
अंशु मलिक को मिली हार
वहीं 19 वर्ष की अंशु मलिक महिलाओं के 57 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना कुराचिकिना से 2-8 से हार गई. एशियाई चैम्पियन अंशु ने शानदार वापसी करते हुए 0-4 से पिछड़ने के बावजूद बेलारूस की प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ दो पुश आउट अंक लिये. उसने कुराचिकिना का दाहिना पैर पकड़ लिया लेकिन मूव पूरा नहीं कर सकी. जवाबी हमले पर उसने दो अंक गंवाये लेकिन लड़ती रही. यूरोपीय पहलवान का अनुभव आखिरकर उसके जोश पर भारी पड़ा.
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