मुंबई। रामानंद सागर की ‘रामायण’ में ‘रावण’ का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का आज ही के दिन साल 1938 में इंदौर में जन्म हुआ था। यूं तो अरविंद त्रिवेदी ने 300 से ज्यादा सामाजिक और पौराणिक फिल्मों में अभिनय किया था। लेकिन, उन्हें प्रसिद्धि रावण का किरदार निभाने पर मिली थी। बता दें कि रील लाइफ में भगवान राम का वध करने की इच्छा रखने वाले अरविंद त्रिवेदी असल जिंदगी में राम के अनन्य भक्त थे। शूटिंग के दौरान अरविंद त्रिवेदी को भगवान राम के बारे में बुरा बोलना पड़ता था। इसलिए वह भगवान से प्रायश्चित करने के लिए अगल-अलग तरह की आराधना किया करते थे।
अरविंद ने एक इंटरव्यू के दौरान खुद इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि वह शूटिंग शुरू करने से पहले भगवान राम और शिवजी की आराधना किया करते थे। उन्होंने कहा, कई बार शूटिंग के दौरान डायलॉग बोलते वक्त मुझे भगवान की बुराई करनी पड़ती थी। ऐसे में आराधना करते वक्त मैं उनसे पहले ही माफी मांग लेता था और कहता था कि यदि मेरे मुंह से आपके बारे में कोई अपशब्द निकल जाए तो मुझे माफ कर देना।
अरविदं त्रिवेदी ने आगे बताया कि मैं असल जिंदगी में भी राम और शिव भक्त हूं। लेकिन शूटिंग के वक्त उनके बारे में मुझे कई बार ऐसी बातें बोलनी पड़ती थीं जो पाप है। इसलिए मैं पश्च्याताप करने के लिए पूरा दिन उपवास रखता था। और शूटिंग खत्म होने के बाद रात में कपड़े बदलकर अपना उपवास खोलता था।
बता दें कि अरविंद की इच्छा सीरियल में केवट का रोल करने की थी। लेकिन,ऑडिशन के बाद रामानंद सागर की राय बदल गई और उन्होंने अरविंद को रावण का रोल दे दिया। इस रोल को निभाने के लिए अभिनेता को काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी। बताया जाता है कि रावण बनने के लिए अरविंद को पांच घंटे लगते थे। भारी ज्वेलरी और मुकुट की वजह से भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसके बावजूद उन्होंने इस किरदार को शानदार तरीके से निभाया।
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