मुंबई। शिवसेना नेता व सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पर पलटवार किया। राउत ने फडणवीस के इस दावे कि अयोध्या में ढांचा ढहाए जाते वक्त कोई शिवसेना नेता मौजूद नहीं था, पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। राउत ने कहा कि भाजपा को अपने नेताओं से पूछना चाहिए कि ढांचा गिराने में शिवसेना की क्या भूमिका थी?
पत्रकारों से चर्चा में राउत ने दावा किया कि भाजपा और उसकी सहयोगी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और चीनी घुसपैठ जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए हनुमान चालीसा और अयोध्या के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवसेना नेता ने कहा कि यदि कोई कहता है कि बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के समय शिव सैनिक कहां थे? (तब) उन्हें अपने नेता (स्व.) सुंदर सिंह भंडारी से पूछना चाहिए कि शिवसेना कहां थी। उस समय की सीबीआई व आईबी रिपोर्ट की जांच करें। राउत ने कहा कि जिन लोगों को पता नहीं है कि उस वक्त शिवसेना कहां थी, तो उन्हें इसका जवाब मिलेगा। परिस्थिति बदल गई है, इसलिए मुद्दों पर बात कीजिए। जनता उठाए जा रहे मुद्दों पर ध्यान नहीं देगी। इससे पहले पूर्व सीएम फडणवीस ने रविवार को शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह खुद अयोध्या में उस दिन मौजूद थे। जब ढांचा गिराया गया तब वहां कोई शिवसेना नेता मौजूद नहीं था।
3 मई को लाउड स्पीकर्स हटाने पर अडिग हूं : राज ठाकरे
उधर, रविवार को औरंगाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एलान किया कि वह 3 मई को लाउड स्पीकर्स हटाने की आंग पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि इसके जरिए मस्जिदों से शोर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में लाउड स्पीकर नहीं हटाए गए तो हिंदुओं को सभी धर्मस्थलों के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ बजाना चाहिए। ठाकरे ने यह भी कहा कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार लाउड स्पीकर्स हटा सकती है तो महाराष्ट्र सरकार को ऐसा करने से कौन रोक रहा है?
इन लाउस्पीकर्स को कौन बिजली दे रहा है?
इस पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए राउत ने कहा कि लाउड स्पीकर्स मुद्दा नहीं है, मुंबई शहर में अन्य अहम मुद्दे हैं। तंज करते हुए राउत ने कहा कि लोग जानते हैं कि इन लाउस्पीकर्स को कौन बिजली दे रहा है? यह हिंदुत्व नहीं है। मनसे का समर्थन करने के लिए भाजपा पर बरसते हुए राउत ने कहा कि लाउडस्पीकर का मामला कानून विभाग के अंतर्गत आता है। इस तरह का मुद्दा उठाना देश की एकता के खिलाफ है। हमारा स्टैंड है कि लाउडस्पीकरों के कारण लोगों को प्रभावित नहीं होना चाहिए। हमने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया है और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश जारी किए हैं।
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