इंदौर। 20 जनवरी से शुरू हुए भाजपा के बूथ विस्तारक अभियान (booth expansion campaign) को 6 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है, लेकिन सभी विधानसभाओं (assemblies) में अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया। राऊ विधानसभा (rau assembly) जरूर सभी विधानसभाओं में पहले नंबर पर चल रही हैं, वहीं 3 नंबर विधानसभा सबसे पीछे रह गई है, जहां रजिस्टर में इंट्री तो लगभग पूरी होने को है, लेकिन ऐप में जानकारी अपलेड करने में पीछे रह गई। वहीं ग्रामीण क्षेत्र की हालत तो अब भी खराब है। अधिकांश कार्यकर्ता ऐप को अभी तक नहीं समझ पाए हैं तो जहां ऐप खुल रहा है वहां दूसरे विधानसभा की मतदाता सूची अपलोड है।
भाजपा की महत्वपूर्ण बूथ विस्तारक योजना में इंदौर शहर (Indore city) में लगे कार्यकर्ताओं को ही समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए और क्या नहीं? कई कार्यकर्ताओं ने रजिस्टर में इंट्री (register entry) कर दी है तो ऐप में अभी तक जानकारी अपलोड नहीं हो पाई है। दिनभर भाजपा कार्यालय में बने कंट्रोल रूम से विधानसभा और मंडल प्रभारियों से बात कर उन्हें बूथ पर भेजा जा रहा है और जल्दी काम करने के लिए कहा जा रहा है, ताकि समयावधि में काम पूरा कर भोपाल भेजा जा सके।
नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Ranadive) और जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर (Rajesh Sonkar) खुद मंडलों में जाकर विस्तारकों से बात कर रहे हैं, फिर भी उतनी गति से काम नहीं हो रहा है, जितना होना चाहिए। हालांकि ऐप पर इंट्री अपलोड करने की बात की जाए तो राऊ विधानसभा इसमें अव्वल है, वहीं दूसरे नंबर पर 5 नंबर तो तीसरे नंबर पर 4 नंबर विधानसभा है। सबसे पीछे 3 नंबर विधानसभा है, जहां ऐप पर अपलोडिंग (Uploading to App) का काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। 1 नंबर विधानसभा चौथे तो 2 नंबर विधानसभा पांचवें नंबर पर है। वहीं रजिस्टर में इंट्री करने में 5 नंबर विधानसभा अव्वल है, दूसरे नंबर पर जरूर 3 नंबर विधानसभा है और तीसरे नंबर पर राऊ विधानसभा आ रही है।
कई मंडलों में ऐप ही नहीं खुला
विस्तारकों के सामने सबसे बड़ी समस्या ऐप नहीं खुलने की है। कई विस्तारकों के पास अपडेट मोबाइल नहीं है, इस कारण वे ‘संगठन’ ऐप को ठीक ढंग से नहीं चला पा रहे हैं। वहीं कई के भोपाल में नंबर अपडेट नहीं होने के कारण भी ऐप नहीं खुल पा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में धार की सूची लोड हो गई
ग्रामीण क्षेत्र में अब भी दूसरे जिलों की मतदाता सूची खुल रही है। ऐप में बूथ विस्तारक और वहां की टोली के कार्यकर्ता का नाम लिखकर उसका मतदाता सूची से सत्यापन करना होता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में धार जिले की सूची खुलने से सत्यापन का काम नहीं हो पा रहा है। वहीं कहीं-कहीं तो कार्यकर्ताओं के नाम तक नहीं मिल पा रहे हैं।
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