भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश की विकास यात्रा में प्रबुद्धजन की सहभागिता का लाभ मिलेगा। रतलाम फिर इंडस्ट्रियल हब (Ratlam again industrial hub) बनेगा। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) लगातार प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति के पथ पर आगे बढ़े, इसके लिये समग्र और समन्वित प्रयास जारी है। रतलाम को भी नर्मदा जल उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को रतलाम में प्रबुद्धजन से प्रदेश के विकास को लेकर संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति से सब संभव हो जाता है। एक समय था जब कहा गया कि उज्जैन में नर्मदा जल लाना असंभव है। नर्मदा जल क्षिप्रा में ही नहीं गंभीर काली सिन्ध और पार्वती नदी में भी आया।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमता, बिजली उत्पादन, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल, अनाज उत्पादन, सड़क निर्माण सहित अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। एक समय प्रदेश का बजट एक लाख करोड़ रुपये से भी कम हुआ करता था, जो आज बढ़कर 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने रतलाम में रिडेन्सिफिकेशन प्लान में प्रदेश के पहले गोल्ड कॉम्पलेक्स 300 बिस्तरीय चिकित्सालय भवन, ऑडिटोरिमय एवं आवास गृहों का भूमि-पूजन कर शिलान्यास पट्टिकाओं का अनावरण किया।
उन्होंने प्रबुद्धजन को प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनाते हुए कहा कि प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) जो वर्ष 2001 तक 71 हजार करोड़ था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर साढ़े 3 लाख करोड़ हो गया है। प्रदेश ने विकास में एक लम्बी छलांग लगाई है। प्रति व्यक्ति आय 13 हजार रुपये से बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपये हो गई है। देश की अर्थव्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान तीन प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। यह चमत्कार ही है कि सकल घरेलू उत्पाद 2016 से 2022 के बीच लगभग दोगुना हो गया। मध्यप्रदेश के विकास के समग्र, समन्वित और सुनियोजित प्रयास से ही मध्यप्रदेश 28वें नम्बर से आज टॉप 10 राज्यों की श्रेणी में आ गया है। यह सब जनता के सहयोग से ही संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई, बिजली उत्पादन, स़ड़क निर्माण एवं उद्योग में प्रगति दिखाई देती है। उद्योग के क्षेत्र में प्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। टेक्सटाइल हो या फार्मास्युटिकल, प्रत्येक सेक्टर के लिये पृथक से पॉलिसी बनाकर क्रियान्वित की जा रही है। चारों ओर सड़कों का जाल बिछा हुआ है। लगभग चार लाख किमी की शानदार सड़कें बनाई गयी हैं। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहा है। फ्लाईओवर एवं ओवर ब्रिज भी बन रहे हैं। इंदौर और भोपाल में मेट्रो का काम चल रहा है। छोटे शहरों में भी ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिये कार्य किये जा रहे हैं। सिंचाई क्षमता साढ़े 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 46 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसी का परिणाम है कि हमने उत्पादन में पंजाब और हरियाणा को भी पीछे छोड़ दिया है। गत वर्ष 20 लाख हेक्टेयर टन अनाज एक्सपोर्ट किया गया है। उत्पादन में अविश्वसीय रूप से प्रदेश में 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बिजली का उत्पादन 1900 मेगावाट से बढ़कर 28 हजार मेगावाट हो गया है। अब मालवा और विंध्य में सोलर, पवन चक्की के साथ ही ओंकारेश्वर में पानी से भी बिजली बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आज शांति का माहौल है। एक वक्त था जब डकैत समस्या, सिमी का नेटवर्क और नक्सलवाद का बोलबाला था। मुख्यमंत्री बनने के बाद आज चम्बल या कहीं और कोई भी संगठित गिरोह नहीं है। सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा चुका है। जेलों से भागने वालों का हश्र एनकाउंटर के रूप में सबको पता है। नक्सलवाद को खत्म किया जा चुका है। इसी साल लाखों रुपये के 6 इनामी नक्सली मुठभेड़ में मारे गये हैं। आज मध्यप्रदेश में किसी प्रकार का कोई माफिया मौजूद नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार और शिक्षा के लिये बेहतर योजनाएँ बनाकर क्रियान्वित की जा रही हैं। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिये सीएम राइस स्कूल बनाये जा रहे हैं। इनमें आधुनिक लेब, लायब्रेरी के साथ ही स्मार्ट क्लास की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। छात्र-छात्राओं को लाने-ले जाने के लिये बसों की व्यवस्था की गई है। बच्चे रतलाम में रहकर स्मार्ट क्लास से मुंबई-दिल्ली के शिक्षकों से पढ़ सकेंगे। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना से मेडिकल और इंजीनियरिंग पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फीस सरकार भर रही है। लगभग तीन लाख विद्यार्थियों की एक हजार करोड़ रुपये फीस सरकार वहन कर रही है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें स्टायपेंड भी दिया जा रहा है। बेरोजगारी भत्ता प्रतिभा को कुंठित करता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से पात्र बहनों को 10 जून से लाभान्वित किया जाएगा। लाड़ली बहनों के खाते में जाने वाली 1000 रुपये की राशि से सामान्य घरेलू जरूरतों की पूर्ति हो सकेगी। परिवार और समाज में बहनों का सम्मान बढ़ेगा। वर्ष 2017 में उन्होंने अत्याधिक पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया और सहरिया की बहनों के लिये 1000 रुपये प्रदाय करने की योजना बनाई थी। इस योजना से जनजातीय बहनों को अपने बच्चों के लिये फल, सब्जी और दूध खरीदने एवं बच्चों में कुपोषण को दूर करने में अभूतपूर्व मदद मिली।
राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने मप्र के विकास संबंधी प्रेजेन्टेशन दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों को मोटे अनाज का पैकेट एवं स्मृति-चिहृ भेंट किये गये। उल्लेखनीय कार्य करने वाले स्थानीय युवाओं को शॉल-श्रीफल और स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। (एजेंसी, हि.स.)
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