सागर: सरकारी स्कूलों में हालात किस कदर बिगड़ते जा रहे हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जिन कमरों में बच्चों की क्लास लगनी चाहिए, वहां पर दबंगों द्वारा राशन की दुकान चलाई जा रही है. स्कूल से खुलेआम राशन का वितरण हो रहा है. यह मामला सागर जिले का है, जहां बड़ौरा प्राथमिक स्कूल में दबंग राशन विक्रेता द्वारा 3 सालों से स्कूल के कमरे में गेहूं, चावल, नमक सहित अन्य राशन सामग्री रख दी गई थी.
मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल के कमरे को दबंग के कब्जे से मुक्त कराया गया है. वहीं इस मामले में राशन दुकानदार ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कोरोना के समय कहीं अनाज रखने की जगह नहीं थी और ग्रामीणों को इसका वितरण करना था तो उनकी सहमति से खाली और जर्जर पड़े स्कूल के कमरे में सामग्री रख दी गई थी.
इस मामले को मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है और कलेक्टर से प्रकरण की जांच कराकर समुचित कार्यवाही कर अगले तीन दिन में आयोग को प्रतिवेदन देने को कहा है. वहीं इस खबर के सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और राशन दुकान को खाली करवाकर दूसरी जगह शिफ्ट करवा दिया है.
दरअसल, राहतगढ़ ब्लॉक के तहत आने वाले बड़ौरा गांव के प्राथमिक स्कूल में 5 कमरे हैं. स्कूल में 69 विद्यार्थी आते हैं, जिनके लिए 2 कमरों में कक्षाएं संचालित होती हैं. तीन कमरे जर्जर हैं. प्राथमिक शाला की प्रभारी प्राचार्य सविता साहू का कहना है कि वह एक साल पहले ही यहां आई हैं, लेकिन 5 सालों से तीन कमरे खाली थे, क्योंकि ये बच्चों के बैठाने लायक स्थिति में नहीं हैं. वहीं, जिला खाद्य अधिकारी पीएल तंतुवाय ने बताया की आपत्ति आने के बाद स्कूल के कमरे से राशन दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट करवाया है. आगे की जांच की जा रही है.
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