पुणे। रतन टाटा ने एक बार सबके सामने मानवता का एक उदाहरण पेश किया है। 83 साल के रतन टाटा एक उद्योगपति हैं और इसी के साथ वो मानवतावाद के लिए ज्यादा जाने जाते हैं। रतन टाटा अपने कर्मचारियों के काफी कल्याणकारी काम करते हैं। हाल ही में वो बीमार पूर्व कर्मचारी से मिलने मुंबई से पुणे पहुंचे।
अगर साल 2020 से कुछ सीखा है तो वो यह कि मानवता, लंबी दूरी में भी पुल बनाने का काम करने में मदद करती है और रतन टाटा एक ऐसा उदाहरण हैं, जिन्होंने मानवतावाद को लेकर नई-नई मिसाल पेश की हैं। रतन टाटा अपने दयालु पक्ष के लिए जाने जाते हैं और एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा काम किया है, जिससे सीख लेकर हम भी मानवता की सभ्यता को आगे ले जा सकते हैं।
Ratan Tata makes a visit to friends society in Pune to meet his Ex Employee all the way from Mumbai who is ailing for last 2 years. What a gesture n last mile connect !
Humility personified. So much respect sir!
Source – Yogesh Desai , Primaverse pic.twitter.com/oxNifJ4KBQ
— Gurmeet Chadha (@connectgurmeet) January 4, 2021
हाल ही में रतन टाटा मुंबई से पुणे गए ताकि अपने बीमार पूर्व कर्मचारी की तबीयत का हालचाल पूछ सकें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के मुताबिक, 83 साल के रतन टाटा ने मुंबई से पुणे तक का सफर तय किया ताकि वो अपने पूर्व कर्मचारी से मिल सकें, जो पिछले दो साल से बीमार है।
इस निजी दौरे को किसी मीडिया की ओर से कवर नहीं किया गया। इससे पहले रतन टाटा कई बार अपने कर्मचारियों से मिलने पहुंचे हैं। उनमें से एक सबसे ज्यादा मार्मिक उदाहरण 26/11 के दिन का है। रतन टाटा 26/11 के हमले से प्रभावित हुए 80 कर्मचारियों के परिवार वालों से मिलने पहुंचे थे। रतन टाटा ने उन कर्मचारियों के बच्चों की पूरी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली और परिवार को मेडिकल कवर दिया।
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